छठ पूजा: कुंड में डुबकी लगाकर सूरज को दिया अर्घ्य
शनिवार सुबह हुआ निर्जला व्रत का परायण रेलवे कालोनी की यज्ञशाला में भोर से गूंजे छठ मैया के जयकारे।
संवाद सहयोगी, टूंडला (फीरोजाबाद): रेलवे कालोनी की यज्ञशाला में शनिवार की भोर में आस्था का मेला जुटा। कालोनी में रहने वाले कई परिवार सूरज निकलने से पहले पूजन सामग्री के साथ यहां आ गए थे। कुंड में नहाने के बाद पूरी श्रद्धा के साथ सूरज को अर्घ्य देकर निर्जला व्रत का परायण किया।
दीपावली का पांच दिवसीय पर्व समाप्त होते ही छठ पूजा की तैयारी शुरू हो जाती हैं। बिहार और पूर्वाचल में इसे काफी उत्साह से मनाया जाता है। रेलवे कालोनी में रहने वाले कई परिवार भी उसी उत्साह से छठ को मनाते हैं। बुधवार को नहाय खाय के साथ तीन दिवसीय पर्व शुरू हुआ था। शुक्रवार को संध्या में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
शनिवार की सुबह यज्ञशाला में किसी नदी किनारे जैसा नजारा देखने को मिला। उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए यहां कुंड में जल भरवाया गया था। ठंड के बावजूद पति पत्नी ने इसमें डुबकी लगाकर कुंड में ही खड़े होकर अर्घ्य दिया। इसके साथ ही महिलाओं ने छठ मैया के गीत गाए। भगवान सूर्य से परिवार की तरक्की और कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की। कई परिवार बांस की तीन टोकरियों में गन्ना, दूध, चावल, मिठाई, फल व सब्जी लेकर गीत गाते हुए कुंड तक आए। इस अवसर पर सुहागिनों ने अपनी मांग से नाक तक सिदूर लगाया। मान्यता है कि ऐसा करने से सुहाग हमेशा बना रहता है।
-----
कूलर की टंकी में खड़े होकर दिया अर्घ्य
कोरोना काल में छठ पूजा का तरीका भी बदल गया। कई लोगों ने सामूहिक पूजन से परहेज किया। इसलिए इस बार बड़ा आयोजन भी नहीं हुआ। कुछ परिवार यज्ञशाला भी नहीं गए। उन्होंने घर की छत पर ही कूलर की टंकी में पानी भरकर सूरज को अर्घ्य दिया। गार्ड रिकेश महानामा और उनके परिवार ने भी इसी तरह घर में पर्व मनाया।