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डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर छठ मैया से मांगी मनोकामना

आज उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ होगा पर्व का समापन कोरोना को लेकर सतर्क रहे व्रती घरों में किए गए पानी के इंतजाम।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 05:47 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 05:47 AM (IST)
डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर छठ मैया से मांगी मनोकामना
डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर छठ मैया से मांगी मनोकामना

संवाद सहयोगी, टूंडला: चार दिवसीय छठ पूजा के तीसरे दिन शुक्रवार को अस्ताचल गामी सूर्य को दूध व जल से अ‌र्घ्य देकर मंगल कामनाएं की गई। अब शनिवार को उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर 36 घंटे के उपवास और व्रत का परायण होगा।

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टूंडला में रेलवे कालोनी में छठ पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है। कोरोना की पाबंदी के चलते इस बार घरों में पूजा चल रही है। गुरुवार शाम को खरना के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया था। शुक्रवार सुबह पूजा हुई। महिलाओं के साथ-साथ संतान प्राप्ति के लिए कुछ पुरुषों ने भी व्रत रखा था। दिन भर आराधना के बाद शाम साढ़े पांच बजे व्रती महिलाएं सिर पर प्रसाद रखकर गीत गाती हुई छत पर चढ़ गई और सूर्य को अ‌र्घ्य देकर सभी ने मनौतियां मांगी। इसके साथ ही यज्ञशाला में भी अ‌र्घ्य दिया गया। शनिवार सुबह उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर व्रत का परायण किया जाएगा।

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पानी में खड़े होने के लिए घरों में किए गए इंतजाम

कोरोना के चलते इस बार सामूहिक कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में व्रत के परायण के लिए श्रद्धालुओं ने घरों पर ही पानी भरकर व्रत परायण की तैयारी कर ली है। किसी ने बड़े लोहे के बक्से खरीदे हैं तो किसी ने पानी की टंकी की व्यवस्था की है। शनिवार को सूर्योदय के समय पानी में खड़े होकर व्रत का परायण किया जाएगा। वहीं कुछ लोग रेलवे यज्ञशाला पर भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सामूहिक पूजा का कार्यक्रम बना रहे हैं।

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छठ पूजा सामग्री

बांस की तीन टोकरी, बांस या पीतल के तीन सूप, थाली, दूध और गिलास, चावल, लाल सिंदूर, दीपक, नारियल, लछी, गन्ना, सुथनी, सब्जी और शकरकंदी, नाशपाती, नीबू, शहद, पानी, साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, चंदन, मिठाई, प्रसाद के रूप में ठेकुआ, माल-पुआ, खीर-पुड़ी, सूजी का हलवा, चावल के बने लड्डू आदि। क्या कहते हैं श्रद्धालु

व्रत हमारे लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण है। हमने 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखकर छठी मैया से कोरोना खात्मे के साथ ही परिवार की सुख समृद्धि मांगी है। कोरोना के चलते ही हम सामूहिक रूप से पूजा नहीं कर पा रहे हैं।

अनीता देवी

व्रत के साथ ही माता की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। छठी मैया हर संकट को दूर करने वाली हैं। यही कारण है कि बिहार व पूर्वाचल के साथ ही अन्य शहरों में भी छठ पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

रजनी ठाकुर


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