बालिका को यातनाएं दे रहे थे मौसा-मौसी
पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने मासूम को कराया मुक्त -पिता की तहरीर पर मामा सहित तीनों के खिलाफ रिपोर्ट।
संस, टूंडला(फीरोजाबाद): ननिहाल में रह रही बालिका को मौसा-मौसी ने लाडो बनाकर रखने का वादा किया। मगर, बना दिया नौकरानी। झाड़ू-पोंछा से लेकर घर का सारा काम कराते। बात-बात पर मारपीट करते। दो महीनों से बालिका की चीखें सुन पड़ोसियों ने आखिर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने बालिका को मुक्त करा लिया। स्वजन की तहरीर पर मौसा-मौसी और मामा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। मामा ही बालिका को यहां लाया था।
मूल रूप से मिर्जापुर निवासी रामलखन रेलवे में रेलवे का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। टूंडला में रेलवे क्वार्टर में पत्नी पूजा और तीन बच्चों सहित रहता है। रामलखन के साढ़ू ओमप्रकाश(राजापुर रतावल, प्रयागराज) की 12 वर्षीय पुत्री अपने ननिहाल (चौसा, मिर्जापुर)में थी। दो माह पूर्व रामलखन का साला परवेंद्र अपनी भांजी को लेकर टूंडला आया। बालिका के मौसा-मौसी ने उसकी बेहतर परवरिश का वादा किया। आरोप है कि कुछ दिन बाद ही मौसा-मौसी का रुख बदल गया। उसे नौकरानी की तरह रखने लगी। घर के कामकाज को लेकर उससे अक्सर ही मारपीट की जाती। पिता के पास पहुंचाने की गुहार अनसुनी कर दी जाती।
इंस्पेक्टर रामेंद्र कुमार ने बताया कि गुरुवार शाम को पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस रामलखन के क्वार्टर पर पहुंची। उस समय बालिका रो रही थी। उसने रो-रोकर आपबीती सुनाई। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। सूचना पर उसके पिता ओमप्रकाश रात करीब ढाई बजे आ गए। बेटी से बात करने के बाद ओमप्रकाश ने रामलखन, पूजा और परवेंद्र के खिलाफ बंधक बनाकर मारपीट करने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इंस्पेक्टर ने बताया कि ओमप्रकाश अपनी बेटी को लेकर लौट गए।