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जन सुनवाई में टोकन का रंग बताएगा शिकायत की गंभीरता

डीएम ने गठित की तीन डेस्क टोकन और मानीटरिग सिस्टम हुआ शुरू तहसीलों पर राजस्व और पुलिस की टीमें गठित लिया जाएगा फीडबैक।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 05:38 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 05:38 AM (IST)
जन सुनवाई में टोकन का रंग बताएगा शिकायत की गंभीरता
जन सुनवाई में टोकन का रंग बताएगा शिकायत की गंभीरता

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: शिकायत की जितनी गंभीरता, उस पर उतना ही गंभीर एक्शन। कार्यभार संभालने के दो सप्ताह बाद डीएम रवि रंजन ने जनसुनवाई का नया सिस्टम तैयार किया है। शिकायत की गंभीरता पर डेस्क उसे रंगीन टोकन देती है और टोकन के रंग की गंभीरता के हिसाब से उसकी सुनवाई होती है।

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शासन ने जनता की समस्याएं सुनने के लिए सुबह दस से 11 बजे का समय निर्धारित किया है। इसमें जिले भर से लोग जिला मुख्यालय पर शिकायत लेकर आते हैं। जनसुनवाई के लिए डीएम अपने कक्ष में स्वयं बैठते हैं। इसके अलावा दो अन्य अधिकारी साथ होते हैं। नए सिस्टम के अनुसार शिकायत लेकर आने वाला व्यक्ति पहले डीएम कक्ष के बाहर बनी डेस्क पर जाता है, जहां उसकी शिकायत सुनी जाती है। इसके बाद उसे एक रंग का टोकन देकर डीएम कक्ष में भेजा जाता है। शिकायतकर्ता से डीएम और अधिकारी बात कर समस्या समझते हैं। इसके साथ ही निस्तारण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।

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हर तहसील की शिकायत के लिए एक अलग से आपरेटर

शिकायत डेस्क पर दर्ज होने के बाद मानीटरिग सेल में जाती है। यहां हर तहसील के लिए एक-एक कंप्यूटर आपरेटर बिठाया गया है। आपरेटर संबंधित तहसील की शिकायत को आनलाइन दर्ज करता है। इसके बाद से शिकायत के निस्तारण के लिए तहसील पर गठित राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम को भेज दी जाती है। इसके बाद मानीटरिग शुरू हो जाती है। संबंधित अधिकारी द्वारा शिकायत का निस्तारण किए जाने के बाद मानीटरिग सेल शिकायतकर्ता से फीडबैक लेता है। संतुष्टिपूर्ण जवाब आने पर आनलाइन निस्तारण दर्ज कर दिया जाता है।

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ये है टोकन के रंग का सिस्टम

गुलाबी टोकन - ग्राम पंचायत और सरकारी जमीन पर कब्जे से संबंधित शिकायत के लिए। इसे डीएम खुद सुनेंगे।

हरा टोकन - निजी भूमि का विवाद और कब्जा, डिप्टी कलेक्टर मुख्यालय या जनसुनवाई अधिकारी सुनेंगे।

पीला टोकन - अन्य तरह की शिकायतों को डिप्टी कलेक्टर व जनसुनवाई अधिकारी निस्तारित करेंगे।

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'जिले के अलग-अलग तहसील क्षेत्र से आने वाली शिकायतों को वर्गीकृत किया गया है। इससे हमें यह जानकारी होगी कि किस क्षेत्र से किस तरह की शिकायतें आ रही है। इसके बाद शिकायतों के निस्तारण की रूपरेखा बनाई जाएगी। सिस्टम की मैं स्वयं समीक्षा करता हूं। ताकि जनता को सही समय पर न्याय मिल सके। '

रवि रंजन, डीएम, फिरोजाबाद


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