सुहागनगरी की आबोहवा अब भी जहरीली, दोगुना बढ़ा प्रदूषण
दीपोत्सव के बाद जहरीली हुई हवाओं का प्रदूषण अब भी कम नहीं हुआ है। इससे बच्चों और बुजुर्गो के अलावा सांस रोगियों को दिक्कतें हो रही हैं। प्राइवेट क्लीनिक और जिला अस्पताल में सीओपीडी के मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
फीरोजाबाद (जागरण संवाददाता): दीपोत्सव पर्व गुजर गया, लेकिन सुहाग नगरी में वायु प्रदूषण के हालात नहीं सुधर सके हैं। अब भी यहां की आबोहवा में मानक से दो गुना अधिक प्रदूषण है। इसलिए यहां की हवा जहरीली बनी हुई है। रविवार को हल्की धुंध छाई रही। सरकारी ट्रॉमा सेंटर में सांस लेने में तकलीफ की समस्या लेकर मरीज आ रहे हैं।
दीपावली पर जिले में करीब तीन करोड़ रुपये कीमत की आतिशबाजी छोड़ी गई थी। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में धुंध और धुआं छा गया था। इससे हवा में प्रदूषण का स्तर चार गुना तक बढ़ गया। अब तक हालात नहीं सुधरे हैं। रविवार को भी इसकी औसत मात्रा 200 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर से अधिक रहा, जबकि सामान्य मानक 100 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर है। इस कारण खांसी और सांस फूलने से बच्चे और बुजुर्गाें को परेशान हो रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. जेपी ¨सह ने बताया कि स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है।
संभल कर रहें इन दिनों: जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ. आरएन गर्ग ने बताया कि हवा में धूल, धुआं के साथ हानिकारक रसायन मिलने से दिक्कत बढ़ रही है। प्रदूषण सांसों का दम घोंट रहा है। जिले में सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजी•ा) के मामले बढ़े हैं। यह फेफड़ों की बीमारी है, जिसमें श्वांस नली कुछ सिकुड़ जाती है। फेफड़ों में सूजन बढ़ने से खांसी की समस्या परेशान करने लगती है। खांसी-जुकाम और सांस लेने में तकलीफ होने पर रोगी योग्य डॉक्टरों से संपर्क करें। ठंड से बचाव भी जरूरी है।