रियल एस्टेट कारोबार ने नहीं पकड़ी रफ्तार
फीरोजाबादजागरण संवाददाता। लंबे समय से मंदी के दौर से गुजर रहा रियल स्टेट कारोबार नवरात्र महोत्सव में भी रफ्तार नहीं पकड़ सका। प्लॉट और भवनों की खरीद फरोख्त तो शुरू हुई है लेकिन इससे कॉलोनाइजरों को फिलहाल कोई फायदा नहीं हुआ है।
फीरोजाबाद,जागरण संवाददाता। लंबे समय से मंदी के दौर से गुजर रहा रियल स्टेट कारोबार नवरात्र महोत्सव में भी रफ्तार नहीं पकड़ सका। प्लॉट और भवनों की खरीद फरोख्त तो शुरू हुई है, लेकिन इससे कॉलोनाइजरों को फिलहाल कोई फायदा नहीं हुआ है।
नवरात्र महोत्सव के साथ बाजार में हर ओर रौनक बिखरने लगी है। दीपावली के त्योहार पर करोड़ों का कारोबार होने की उम्मीद में इलेक्ट्रानिक्स, ऑटो सेक्टर में ऑफरों की बहार आ गई है। ग्राहकों को लुभाने के लिए हजारों रुपये की छूट के साथ आकर्षक गिफ्ट आइटम दिए जा रहे हैं। वहीं रियल एस्टेट का कारोबार अब तक ठंडा है। इसका मुख्य कारण टीटीजेड की बंदिशों को माना जा रहा है। ताज ट्रिपेजियम जोन में आने वाले शहरों में पांच हजार मीटर से अधिक कोई प्रोजेक्ट बनाने पर सरकार ने रोक लगा दी है। वहीं नए प्रोजेक्ट के लिए जिला प्रशासन व विकास प्राधिकरण द्वारा नक्शे भी पास नहीं किए जा रहे हैं। बड़े प्रोजेक्ट के लिए सरकार से कोई वित्तीय सहायता भी नहीं मिल रही है। प्रशासन द्वारा सर्किल रेट में इस साल कोई वृद्धि नहीं की गई। इसके बाद भी बैनामों की संख्या में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। -20 से 60 लाख तक बिक्री को उपलब्ध हैं फ्लैट:
सुहागनगरी में विभव नगर, बोधाश्रम, गणेश नगर, रहना, राजा का ताल, उसायनी के निकट आधा दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतें बनकर तैयार खड़ी हैं। कुछ प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य चल रहा है। इनमें 20 से लेकर 60 तक फ्लैट उपलब्ध हैं। नवरात्र महोत्सव पर कालोनाइजरों को रियल स्टेट कारोबार में तेजी आने की उम्मीद थी, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका। - पिछले तीन साल में कारोबार में काफी गिरावट आई है। सरकार द्वारा प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए कोई वित्तीय सहायता भी नहीं दी जा रही है। त्योहार का सीजन शुरू हो चुका है, लेकिन अब तक एक भी फ्लैट बुक नहीं हुआ है।
- आशीष मित्तल - मंदी के दौर से गुजर रहे कारोबार में तेजी लाने के लिए सरकार को कम रेट पर ऋण देने पर विचार करना चाहिए। सरकार की मदद के बिना कारोबार गति नहीं पकड़ेगा। वर्तमान हालात को देखते हुए दीपावली पर भी फ्लैट बुकिग की उम्मीद बहुत कम है। - अभिनव गुप्ता