गंदगी और पेयजल संकट से जूझ रहा पुनच्छा गांव
गांव में पानी की टंकी न टीटीएसपी हैंडपंप भी पड़े हैं खराब नालियां न होने से कई गलियों में बहता है गंदा पानी।
संवाद सहयोगी, शिकोहाबाद: तहसील क्षेत्र का दूरस्थ गांव पुनच्छा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां न पेयजल की उचित व्यवस्था है और ना सफाई का इंतजाम। 25 फीसद से अधिक शौचालय जागरूकता की कमी और अनदेखी के चलते ताले में कैद हैं। वहीं ग्रामीण खुले में शौच करने जाते हैं।
मदनपुर ब्लाक से 14 किलोमीटर दूर बसी ग्राम पंचायत में मड़ैया नंदराम, गल्ला का पुरा, बोवा, बलारपुर, महकेपुर, गिरधारी की ठार, ज्वाला की ठार जैसे गांव और मजरे शामिल हैं। इनकी कुल आबादी 3400 है। मतदाता दो हजार से अधिक हैं। यहां स्वच्छता को लेकर न तो कोई सरकारी प्रयास नजर आते हैं और ना ग्रामीणों में जागरूकता है। किसी शौचालय में कबाड़ भरा है तो किसी में ताले लटके हैं। बलारपुर में कई गलियों में नाली तक नहीं है। वहां गंदा पानी सड़कों पर बहता है। बात जलापूर्ति की करें तो यहां न टंकी है और न टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट (टीटीएसपी) अधिकांश हैंडपंप खराब हैं। यही हाल सोलर लाइटों का है।
-गांव में पानी की गंभीर समस्या है। कई साल पहले गांव में टंकी लगाने को लेकर प्रधान ने प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। कोई न सुनता है न देखता है।
-दाऊदयाल
-नाली ना होने कारण गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है। कई बार शिकायतें कीं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। बरसात में तो गलियों की स्थित बहुत खराब हो जाती है। -
आज्ञाराम
-सभी सोलर लाइटें खराब होने से गांव में सूरज ढलते ही अंधेरा छा जाता है। सफाई व्यवस्था पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जगह जगह गंदगी रहती है। -
लवकुश -गलियां पक्की करने और जलापूर्ति की सुविधा के लिए कई बार ग्राम पंचायत सचिव को लिखकर दिया। ब्लाक भी गए लेकिन किसी ने कोई प्रयास नहीं किया।
-शिवराज गांव में हमने विकास कराने में कोई कमी नहीं छोड़ी। सुलभ शौचालय भी बनवाया है। पंचायत भवन का निर्माण चल रहा है। पानी की टंकी के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन पास नहीं हो पाया। सोलर लाइटें ठीक कराने के लिए भी प्रस्ताव लंबित है। -
कमलेश कुमार, निवर्तमान प्रधान