पूरे जिले में फैली हैं राशन में भाईचारे के घोटाले की जड़ें
हकेपूरे जिले में फैली हैं राशन में भाईचारे के घोटाले की जड़ें-फोटो-
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: आदर्श ओसनिया, पूजा नायक, संजू जॉर्ज मेथ्यू, पूजा मेहरा, पूनम भलाई, पूजा जांगिड, गिदो ये वो नाम हैं, जिनके नाम से जिले में राशन निकल रहा है। पढ़ने और सुनने से ही अंदाजा हो जाता है, कि इस तरह के नाम फीरोजाबाद तो क्या प्रदेश में भी प्रचलित नहीं है। इसके बाबजूद जिले के राशन कार्डों में ये नाम जुड़े हैं और इनसे राशन भी निकला है। दो दिन की तफ्तीश में जागरण को फीरोजाबाद, नारखी और एका के ऐसे दर्जनों राशन कार्ड मिले हैं, जिनमें दूसरे प्रदेशों के आधार कार्ड जोड़कर बड़ी मात्रा में सरकारी राशन निकाला गया है।
15 मई के अंक में दैनिक जागरण ने शिकोहाबाद में सरकारी राशन में भाईचारे के घोटाले का पर्दाफाश किया था। एक ही राशन कार्ड में हिदू, मुस्लिम और सिख समाज के लोगों के नाम दर्ज थे। जागरण की टीम ने और पड़ताल की तो फीरेाजाबाद तहसील क्षेत्र में मीना देवी के नाम से जारी राशन कार्ड संख्या 214740395538 में भी मिटा भलावी, मोहित यादव, नाहर सिंह और उर्मिला बाई धीमर जैसे नाम दर्ज मिले। वहीं सुनीता देवी के नाम से जारी कार्ड संख्या 21474076839 में साहिल राजपूत, वंदना कोरकू नाम के लोग शामिल हैं।
एका क्षेत्र के कार्ड नंबर 214740721219 में तारा देवी, दुलारो देवी, पूनम देवी, मंजू देवी, अनीता देवी, सोनी देवी जैसे नाम बेटों के रूप में दर्ज हैं। वहीं कार्ड नंबर 214740774059 शारदा देवी के कार्ड में अमनजीत कौर और रानी बानो का नाम भी शामिल है। नारखी क्षेत्र में मुन्नी देवी के नाम से जारी कार्ड संख्या 214740603100 में जलालुद्दीन, सयाना बेगम का नाम दर्ज मिला। ये तो केवल नमूने हैं। जागरण के पास ऐसे दर्जनों राशन कार्डों का ब्यौरा है, जो राशन में बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहे हैं।
कार्डधारक को नहीं होता पता उसके नाम से हो रहा खेल
सूत्रों के अनुसार राशन कार्डों में दूसरे प्रदेशों और जिलों के आधार कार्ड जोड़ कर हर महीने सैंकड़ों कुंतल राशन हजम किया जा रहा है, लेकिन इसकी जानकारी उन कार्डधारकों को नहीं होती, जिनके कार्ड में ये आधार कार्ड जुड़े होते हैं। राशन कार्डधारकों को उतने ही लोगों का राशन दिया जाता है, जितने उसके परिवार में सदस्य होते हैं। बाकी राशन डीलर रख लेते हैं।
-पात्रों के काट दिए जाते हैं नाम
राशन हड़पने के लिए कुछ डीलर ऐसे भी हैं जिन्होंने कई कार्डधारकों के वास्तविक यूनिट काट दिए। इसके बाद कार्डधारक के लाख कहने के बाद भी नाम नहीं जोड़े जाते। बाद में दूसरे आधार कार्ड लगा दिए जाते हैं। लॉकडाउन में ऐसे ही परिवार सरकारी मदद से वंचित हैं। कई परिवार ऐसे हैं, जिनमे पांच से सात सदस्य हैं, लेकिन डीलर की कारगुजारी से उन्हें राशन एक या दो यूनिट का मिल रहा है। -हमने खबर को संज्ञान लेकर संबंधित पूर्ति निरीक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। मामले की अलग से जांच भी कराई जाएगी। चंद्र विजय सिंह, डीएम