गरीब घायलों को आगरा में बेच आईं प्राइवेट एंबुलेंस
'दयालनगर के ऑटो चालक का दस साल का बेटा अतुल रविवार को घायल हो गया था। परिजन सरकारी अस्पताल लाए, यहां से प्रावइेट एंबुलेंस चालक उन्हें आगरा ले गए और एसएन के बजाय प्राइवेट अस्तपाल में उतार दिया। तीन दिन में हजारों का बिल बन गया।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद:
'दयालनगर के ऑटो चालक का दस साल का बेटा अतुल रविवार को विसर्जन यात्रा की ट्रॉली पलटने से गंभीर रूप से घायल हो गया। सरकारी ट्रॉमा सेंटर से उसे एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा रेफर किया गया। ट्रॉमा के बाहर खड़ी एम्बुलेंस उसे मेडिकल कॉलेज लेजाने की कहकर निकली और आगरा में सिकंदरा में हाईवे स्थित निजी अस्पताल में छोड़ आई। चौबीस घंटे में जब 30 हजार का बिल थमाया तो ऑटो चालक के होश उड़ गए।'
सरकारी ट्रॉमा सेंटर से रेफर किए गए अन्य घायलों के साथ यही हुआ। प्राइवेट एम्बुलेंस का चालक घायलों को आगरा के निजी अस्पतालों में बेच आया और फिर वापस लौटकर नए शिकार की तलाश शुरू कर दी। अतुल के परिजनों के मुताबिक अस्पताल से तीस हजार का बिल थमाया गया। अस्पताल के नाम के साथ ट्रॉमा सेंटर जुड़ा होने से परिवार वाले कुछ समझ नहीं पाएं। परिजनों ने जब बिल पर आपत्ति की तब तीन हजार कम किए गए।
अस्पताल से लिए पैसे
-निजी अस्पताल में मरीजों को बेचने वाले एम्बुलेंस चालकों ने पैसा हास्पिटल के काउंटर से लिया। एम्बुलेंस के पैसे हॉस्पिटल संचालक ने बिल में जोड़ लिए थे। ' मैंने दीपक नाम के घायल के लिए सरकारी एम्बुलेंस भिजवाई थी। सुबह पता चला कि अतुल नाम के घायल को एक प्राइवेट एम्बुलेंस ले गई और सिकंदरा में नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया। लपका एम्बुलेंस वालों के खिलाफ सीएमएस से शिकायत की गई है। इन पर कठोर कार्रवाई होगी। 'मनीष असीजा, नगर विधायक