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पीएफ घोटाले के विरोध में सरकार पर बरसे अभियंता

जूनियर इंजीनियर संगठन ने संभाली आंदोलन की कमान दिया धरना पूर्व चेयरमैन को घोटाले का दोषी करार देते हुए गिरफ्तारी की उठाई मांग

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 11:31 PM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:05 AM (IST)
पीएफ घोटाले के विरोध में सरकार पर बरसे अभियंता
पीएफ घोटाले के विरोध में सरकार पर बरसे अभियंता

फीरोजाबाद, जासं, पीएफ घोटाले के विरोध में विद्युत विभाग का आंदोलन तेज होता जा रहा है। आंदोलन की कमान बुधवार से जूनियर इंजीनियर संगठन के हाथों में रही। करोड़ों घोटाले के विरोध में अभियंताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए 24 से आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

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पीएफ घोटाले के विरोध में पूरे प्रदेश में विद्युत विभाग का आंदोलन चल रहा है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अधिकारी, कर्मचारियों ने 48 घंटे लगातार कार्य बहिष्कार किया, जिससे विभाग को करोड़ों के राजस्व की हानि हुई। कैश काउंटर बंद होने के कारण उपभोक्ताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर बुधवार से जूनियर इंजीनियर संगठन ने चार दिन का कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के जनपद अध्यक्ष अहमद हुसैन की अध्यक्षता में जिले के सभी अवर अभियंता व प्रोन्नत अभियंताओं ने आंदोलन शुरू किया।

अधीक्षण अभियंता ग्रामीण एके वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार गबन के पैसे की गारंटी के लिए गजट जारी नहीं करती है तो 24 नवंबर से आंदोलन तेज किया जाएगा।

दक्षिणांचल क्षेत्र अध्यक्ष राजवीर सिंह ने पूर्व चेयरमैन आलोक कुमार को दोषी करार देते हुए गिरफ्तारी की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जीरो टॉरलेंस नीति के तहत पीएफ घोटाले की पारदर्शी जांच कराई जाए। आगरा क्षेत्र अध्यक्ष धर्मेंद्र राजपूत ने पीएफ घोटाले के दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। मौके पर अनुज भारद्वाज, अभिषेक कुमार, बबलू गौतम, मनीष कुमार, सत्येंद्र कुमार, अशोक कुमार, रंजीत सिंह, स्वतंत्र यादव, जितेंद्र कुमार, अमित कुमार, राजकुमार, एसडीओ अनिल कुमार, वर्कर्स फ्रंट के केंद्रीय संयोजक इंजीनियर दुर्गा प्रसाद मौजूद रहे। संविदा कर्मी व एसएसओ के हवाले विद्युत व्यवस्था

जूनियर इंजीनियर संगठन द्वारा चार दिन के कार्य बहिष्कार की घोषणा की गई है। इस आंदोलन में विभाग में तैनात सभी अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं। इससे जिले की विद्युत व्यवस्था संविदा कर्मचारी व एसएसओ के हवाले रही। यह गनीमत रही कि रैपुरा फीडर को छोड़कर कहीं बड़ा फॉल्ट नहीं हुआ। कैश काउंटर खुलने से उपभोक्ताओं को राहत

48 घंटे के कार्य बहिष्कार के बाद बुधवार को सुबह 10 बजे से शहर के सभी कैश काउंटर खुले। काउंटर खुलने पर सुबह से बिल जमा करने के लिए उपभोक्ताओं की भीड़भाड़ नजर आई। एक्सईएन आरपी वर्मा ने बताया कि कैश काउंटर खुलने से विभाग को 40 लाख से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।


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