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गलतफहमी की खुल रही गांठ, सुधर रहे रिश्ते

जासं फीरोजाबाद मामला एक शादी के महज आठ महीने बाद दंपती के बीच आपस की रार इतनी बढ़ी कि मामला थाने तक पहुंच गया। कोटला रोड निवासी पत्नी ने मैनपुरी निवासी पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के आरोप जड़े और मायके में रहते हुए तहरीर दी। मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा। पहली बार में पत्नी ससुराल जाने को कतई तैयार नहीं थी। तीसरी काउंसिलिग में रिश्ता फिर से जुड़ गया। दोनों ने गलतियां मानीं और एक दूसरे के साथ रहने का वादा किया

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 06:12 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 06:12 AM (IST)
गलतफहमी की खुल रही गांठ, सुधर रहे रिश्ते
गलतफहमी की खुल रही गांठ, सुधर रहे रिश्ते

जासं, फीरोजाबाद: मामला एक: शादी के महज आठ महीने बाद दंपती के बीच आपस की रार इतनी बढ़ी कि मामला थाने तक पहुंच गया। कोटला रोड निवासी पत्नी ने मैनपुरी निवासी पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के आरोप जड़े और मायके में रहते हुए तहरीर दी। मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचा। पहली बार में पत्नी ससुराल जाने को कतई तैयार नहीं थी। तीसरी काउंसिलिग में रिश्ता फिर से जुड़ गया। दोनों ने गलतियां मानीं और एक दूसरे के साथ रहने का वादा किया मामला दो: ससुराल में एक साल बाद उसे सास की बातें चुभने लगीं। पति के सामने अलग रहने की शर्त रख दी। पति ने उसे बहुत समझाने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बन सकी। इसके बाद दांपत्य जीवन में आई कटुता बढ़ने लगी। पति ने थाने में तहरीर दे दी, इसके बाद नोटिस भेजकर पत्नी को परिवार परामर्श केंद्र बुलाया गया। मां के महत्व को समझाया गया और दोनों ने गलती मानी और साथ घर चले गए।

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कोरोना काल में बढ़ रहे तनाव के बीच ये दो उदाहरण ऐसे हैं, जो परिवारों को जोड़ने की परामर्श से टूटने से बच गए। आपसी तालमेल और विश्वास में कमी के चलते पिछले तीन महीनों में एक दर्जन परिवारों को टूटने से बचा लिया। पुलिस लाइन में संचालित परिवार परामर्श केंद्र में माह के प्रथम बुधवार को राज्य महिला आयोग सदस्य सुमन चतुर्वेदी की देखरेख में काउंसिलिग होती है। वहीं माह के प्रत्येक गुरुवार को पांच काउंसलरों की टीम मामलों की सुनवाई करती है। काउंसलर नवल किशोर उपाध्याय ने बताया कि पिछले तीन माह में 30 से अधिक मामले आए हैं। एक दर्जन मामलों में सुलहनामा हो गया है। बाकी की सुनवाई हो रही है। जो मामले तीन बार में नहीं सुलझते उनमें फिर एफआइआर की प्रक्रिया आगे बढ़ती है। परामर्श केंद्र से ही पति के साथ जाती है पत्नी: काउंसलर अखिलेश शर्मा ने बताया कि अधिकांश मामले छोटी-छोटी बातों को लेकर आते हैं। सुनवाई के दौरान पति-पत्नी के अलावा दोनों पक्ष के लोग भी मौजूद रहते हैं। ताकि एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों की सत्यता का पता चल सके।


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