श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान हुई राहें
जागरण संवाददाता फीरोजाबाद श्री हनुमज्जयंती महोत्सव समिति के तत्वावधान में गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई। जगह-जगह भक्तों ने पुष्पवर्षा कर एवं रामचरित मानस की आरती उतारकर स्वागत किया। रामलीला मैदान में विधि विधान से कलश स्थापना के बाद दोपहर तीन बजे से श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: श्री हनुमज्जयंती महोत्सव समिति के तत्वावधान में गाजे-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई। जगह-जगह भक्तों ने पुष्पवर्षा कर एवं रामचरित मानस की आरती उतारकर स्वागत किया। रामलीला मैदान में विधि विधान से कलश स्थापना के बाद दोपहर तीन बजे से श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ।
जीवाराम चौक से कलश यात्रा शुरू होकर सदर बाजार, मुहल्ला गंज, डाकखाना चौराहा, कोटला रोड श्री अग्रसेन चौक होती हुई रामलीला मैदान स्थित कथा स्थल पर पहुंची। इस दौरान एक ओर 151 महिलाएं अपने सिर पर कलश धारण करके चल रही थीं। वहीं दूसरी ओर भक्तगण भजनों की धुनों पर झूमते हुए चल रहे थे। कलश यात्रा में सबसे आगे घोड़ों पर सवार युवक धर्म पताका लेकर चल रहे थे। कथा के मुख्य यजमान नारदानंद अपने सिर पर श्रीराम चरित मानस रखकर चल रहे थे।
मुहल्ला गंज में सदर विधायक मनीष असीजा एवं दर्जनों की संख्या में लोगों ने पुष्पवर्षा एवं रामचरित मानस की आरती उतारकर स्वागत किया। रामलीला मैदान में अयोध्या से आए आचार्य राधावचार्य ने वेद मंत्रों के साथ भगवान गणेश, हनुमान का पूजन कराने के साथ ही कलश स्थापना कराई। दोपहर में मंदिर महंत जगजीवनराम मिश्र इंदु ने भगवान हनुमान के चित्र के सामने दीप जलाकर श्रीरामकथा का शुभारंभ किया। आचार्य ने श्रीराम चरित पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आशीर्वाद मूक ग्रंथ है। इस अलौकिक ग्रंथ का जितना प्रचार किया जाए, उतना ही कम है। क्योंकि इसमें आदर्श ग्रहस्थ जीवन, आदर्श राजधर्म, पारिवारिक जीवन, मातृ-पितृ धर्म, सर्वोच्च भक्ति, ज्ञान, त्याग, वैराग्य आदि का वर्णन इसमें देखने को मिलता है।