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नाम बदला, नहीं बदली किस्मत

एक कमरे में संचालित है सखी वन स्टाप सेंटर रेस्क्यू वैन न ही स्थाई कर्मचारियों की तैनाती

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 06:03 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 06:03 AM (IST)
नाम बदला, नहीं बदली किस्मत
नाम बदला, नहीं बदली किस्मत

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पीड़ित महिलाओं की उम्मीदों का केंद्र सखी वन स्टाप सेंटर को खुद अपनी किस्मत बदलने का इंतजार है। सेंटर पर न तो रेस्क्यू वैन है न ही स्थाई कर्मचारियों की तैनाती। सेंटर के नाम पर सिर्फ एक कमरा है। किसी पीड़िता की रेस्क्यू करने की जरूरत पर कर्मचारियों को अपने वाहन से मौके पर जाना पड़ता है। आशा ज्योति केंद्र का नाम तो बदल गया, लेकिन किस्मत नहीं बदली।

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घरेलू हिसा और दुष्कर्म समेत अन्य समस्याओं से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए छह साल पहले तत्कालीन प्रदेश सरकार ने आशा ज्योति केंद्र की स्थापना की थी। दो साल पहले इस केंद्र का नाम सखी वन स्टाप सेंटर सरकार ने कर दिया, लेकिन सहूलियतें नहीं बढ़ाई। पीड़ित महिलाओं की रेस्क्यू करने के लिए पहले केंद्र के पास वैन था, अब यह सुविधा नहीं है। स्थाई कर्मचारियों की तैनाती नहीं होने से महिला कल्याण विभाग के कर्मचारी यहां की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

किसी पीड़िता के बारे में सूचना पर रेस्क्यू वैन नहीं होने की वजह से कर्मचारी अपने वाहन से मौके पर पहुंचते हैं। कई बार 108 नंबर एंबुलेंस की सेवा भी ली गई। इस केंद्र की नोडल अफसर जिला समाज कल्याण अधिकारी प्रज्ञा शंकर तिवारी ने बताया कि रेस्क्यू वैन की व्यवस्था कराने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र की स्थाई बिल्डिग का निर्माण कराया जाएगा। - समस्या बताने में झिझकती हैं पीड़िता-

वन स्टाप सेंटर पहले मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में था। कुछ माह पहले उसे सीएमओ कार्यालय के पास शिफ्ट कर दिया गया। यहां भी एक ही कमरे में संचालित है। एक ही कमरे में कर्मचारी कामकाज करते हैं और काउंसिलिंग भी इसी कमरे में की जाती है। इस कारण कई बार पीड़िता अपनी समस्या बताने में झिझकती हैं।


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