Move to Jagran APP

200 से अधिक गांव की बिजली गुल

-रैपुरा फीडर से जुड़ी लाइन का केबल बाक्स फुंकने से बढ़ा संकट दोपहर में करकोली फीडर का जंपर जला पेट्रोलिग को दौड़ी टीमें।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 06:07 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 06:07 AM (IST)
200 से अधिक गांव की बिजली गुल
200 से अधिक गांव की बिजली गुल

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: साल के अंतिम दिन घने कोहरा छाने से ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया। ग्रामीणों की सूचना पर विद्युत टीम घने कोहरे में फाल्ट खोजने दौड़ती रहीं। लाइनों पर फाल्ट होने से हजारों ग्रामीणों को शाम तक बिजली संकट झेलना पड़ा।

loksabha election banner

रैपुरा विद्युत सबस्टेशन से डेढ़ दर्जन से अधिक गांव में विद्युत आपूर्ति दी जाती है। घने कोहरे के कारण सुबह पांच बजे सबस्टेशन से जुड़े गांव में अचानक बिजली गायब हो गई। घंटों इंतजार के बाद बिजली नहीं आई तो ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के जेई को फोन करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों की सूचना पर विद्युत पेट्रोलिग करने दौड़ी। घना कोहरे होने के कारण फाल्ट खोजने में दिक्कत हुई। तीन बार पूरी लाइन की पेट्रोलिग करने के बाद कर्मचारियों को एक स्थान पर केबल बाक्स फुंका मिला, जिसे कर्मचारी दोपहर दो बजे तक ठीक कर पाए। इधर सुबह से बिजली न आने के कारण ग्रामीणों को बिजली के साथ पेयजल संकट से गुजरना पड़ा। दोपहर में विद्युत आपूर्ति सुचारू होने पर ग्रामीणों को राहत मिल सकी। दोपहर में ढाई बजे करकोली फीडर से जुड़ी 33 केवी लाइन का जंपर जल गया, जिससे मटसेना, नगला चूरा, लुहारी, सोफीपुर सबस्टेशन से जुड़े 200 से अधिक गांव की बिजली बंद हो गई। ट्रांसमिशन जेई मोहित कुमार ने बताया कि जंपर ठीक कराकर साढ़े चार बजे विद्युत सप्लाई सुचारू करा दी है। -आठ घंटे बंद रहा इंटेक प्लांट, शाम को नहीं आया गंगाजल:

रैपुरा विद्युत सबस्टेशन से जुड़ी लाइन पर केबल बाक्स फुंकने के कारण नंदपुर स्थित इंटेक प्लांट आठ घंटे से अधिक बंद रहा। दोपहर तक प्लांट बंद होने के कारण पेयजल टंकियां नहीं भर पाईं। इससे शहर में शाम को चार बजे होने वाली गंगाजल की आपूर्ति नहीं सकी। जल निगम के सहायक अभियंता डीसी शर्मा ने बताया कि प्लांट बंद होने के कारण की शाम की सप्लाई नहीं की गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.