सुहागनगरी में डेंगू की दहशत, मेडिकल कॉलेज में पांच मरीज
फीरोजाबाद जागरण संवाददाता। डेंगू के दंश से मैनपुरी में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और एटा में होमगार्ड की मौत के बाद सुहागनगरी में दहशत फैलने लगी है। पिछले एक माह में डेंगू के एक दर्जन मामले आए। मेडिकल कॉलेज के डेंगू वार्ड में पांच मरीज भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है। इन रोगियों में एक मरीज मैनपुरी निवासी है। बीते एक माह में एक दर्जन रोगी भर्ती कराए गए हैं।
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। डेंगू के दंश से मैनपुरी में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी और एटा में होमगार्ड की मौत के बाद सुहागनगरी में दहशत फैलने लगी है। पिछले एक माह में डेंगू के एक दर्जन मामले आए। मेडिकल कॉलेज के डेंगू वार्ड में पांच मरीज भर्ती हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इन रोगियों में एक मरीज मैनपुरी निवासी है। बीते एक माह में एक दर्जन रोगी भर्ती कराए गए हैं।
पड़ोसी जनपदों में डेंगू कहर के बाद फीरोजाबाद में भी दहशत फैलने लगी है। शुक्रवार को डेंगू वार्ड में शिखा (12) पुत्र वेद प्रकाश निवासी खैरगढ़, नूर मुहम्मद (35) पुत्र कल्लू खां निवासी गुड़हई, मैनपुरी, गायत्री देवी (60) निवासी बनवारा शिकोहाबाद और आशीष (15) पुत्र वीरेश, गल्ला मंडी, कोटला रोड समेत पांच रोगी भर्ती रहे। विभागीय आंकड़े के अनुसार, एक अक्टूबर से अब तक 12 रोगी वार्ड में भर्ती कराए गए हैं। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में फिजीशियन डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि शहर में डेंगू का प्रकोप कम है। बुखार रोगियों के खून की जांच में डेंगू और मलेरिया के इक्का-दुक्का रोगी मिल रहे हैं। ओपीडी में आने वाले बुखार रोगियों में 60 फीसद तक रोगी वायरल फीवर के ही होते हैं। - ओपीडी की पैथोलॉजी में ही एलाइजा टेस्ट की सुविधा:
जनपद के सरकारी अस्पतालों में से सिर्फ मेडिकल कॉलेज ओपीडी की पैथोलॉजी में ही एलाइजा टेस्ट की सुविधा है। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर डेंगू की जांच किट से कराई जा रही है। इसकी रिपोर्ट रोगियों को डेंगू होने की आशंका ही प्रकट करती है। बीमारी की पुष्टि एलाइजा टेस्ट से ही हो पाती है। -सीएमओ ने आइएमए को जारी किया पत्र.
डेंगू की आशंका को देखते हुए सीएमओ ने इंडियन मेडिकल एसो.(आइएमए) को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि प्राइवेट चिकित्सकों के यहां यदि कोई डेंगू पीड़ित पहुंचता है तो उसकी जानकारी तत्काल विभाग को मुहैया कराई जाए। सभी पैथोलॉजी को भी इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि रोगियों के खून की जांच स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी कराई जा सके।
बरतें सावधानी..
- डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। इसके पानी को न रुकने दें।
- डेंगू फैलाने वाला मादा एनाफिलीज मच्छर ऊंची उड़ान नहीं भर पाता। पैरों में ज्यादा काटता है, इसलिए फुल कपड़े पहनें।
- कूलर में भरे पानी को खाली कर दें और रुक पानी पर केरोसिन का छिड़काव कर दें।
- बुखार के साथ सिर में तेज दर्द और शरीर पर लाल निशान डेंगू के लक्षण हैं। घबराए नहीं तत्काल अस्पताल जाएं। वर्जन-
पिछले सालों की तरह जिले में डेंगू का प्रकोप नहीं रहा। इस बार वायरल का प्रकोप ज्यादा है। कहीं-कहीं ही डेंगू और मलेरिया के रोगी मिल रहे हैं। डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं है। इसका इलाज उपलब्ध है और दस दिनों में मरीज ठीक हो जाता है। रोगी बुखार की अनदेखी नहीं करें और झोला छाप से इलाज भी नहीं कराएं। सरकारी स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज में जाएं।
डॉ. एसके दीक्षित, सीएमओ