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शासन की सख्ती से राशन में अनुशासन

खुद बोलने लगे साहब! ले लो राशन कार्ड हम नहीं लायक जिला पूर्ति कार्यालय में राशन कार्ड सरेंडर के लिए उमड़ी भीड़ - सरकार ने की है अपील जो पात्र नहीं हैं वे वापस करें कार्ड।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 05:14 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 05:14 AM (IST)
शासन की सख्ती से राशन में अनुशासन
शासन की सख्ती से राशन में अनुशासन

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: हमारे परिवार में लाइसेंसी रायफल, पिस्टल, बंदूक, रिवाल्वर है। साहब, हमारा राशन कार्ड ले लो, हमें इसकी जरूरत नहीं है। नसीरगंज के शब्बीर हुसैन ने राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए ये तर्क दिया तो सभी हैरान रह गए। सुभाष कालोनी के नवाब सिंह ने लाइसेंसी बंदूक होने और तिलक नगर की सरिता देवी ने राशन कार्ड बंद कराने को अपनी सरकारी नौकरी का हवाला दिया।

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कलक्ट्रेट परिसर स्थित जिला पूर्ति कार्यालय में मंगलवार को अजीब नजारा था। जहां पहले राशन कार्ड बनवाने और यूनिट जुड़वाने वाले फरियादियों की भीड़ रहती थी, वहां राशन कार्ड कटवाने को मारामारी मची है। अपात्रों के राशन कार्ड सरेंडर न करने और जांच में पकड़े जाने पर वसूली होने के सरकारी फरमान के बाद अपात्रों को अब डर सताने लगा है। कोई सरकारी नौकरी का हवाला दे रहा है तो कोई आयकर दाता बताकर राशन कार्ड सरेंडर कर रहा है। कई ऐसे भी थे जो कार्ड सरेंडर करने का कोई कारण नहीं बता रहे थे। बार-बार पूछने पर भी सिर्फ यही कहा कि अब उनकी आर्थिक स्थिति ठीक है इसलिए कार्ड सरेंडर कर रहे हैं।

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कार्यालय में ही लिखे प्रार्थना पत्र: कई लोग पात्र या अपात्र होने की जानकारी लेने आए थे। जब उन्हें पता चला कि वे अपात्र हैं तो कार्यालय में ही बैठकर प्रार्थना पत्र लिखा और राशन कार्ड सरेंडर कर दिया। शुक्रवार को 150 कार्ड तो मंगलवार को 270 कार्ड सरेंडर किए गए।

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सामूहिक रूप से सरेंडर किए कार्ड:

सदर ब्लाक की ग्राम पंचायत रसीदपुर कनैटा में सात कार्डधारकों ने प्रधान मीरा देवी के जरिए अनीता देवी, किरन, प्रीति राजौरिया, मंजू, इंद्र देवी, नेमा देवी, जानकी देवी ने सामूहिक रूप से कार्ड सरेंडर किए। प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने ये कार्ड डीपीआरओ को सौंपे। कौन से परिवार या व्यक्ति हैं अपात्र:

- जो आयकर देते हैं।

- जिनके पास एक से अधिक लाइसेंसी हथियार हैं।

- ग्रामीण क्षेत्र में जिनकी वार्षिक आय दो लाख और शहरी क्षेत्र में तीन लाख से अधिक है।

- जिनके घर में एसी, कोई भी चार पहिया वाहन या जेनरेटर है।

- जिनके पास अपना सौ वर्ग मीटर का प्लाट, मकान या फ्लैट है।

- ग्रामीण इलाकों में जिनके पास पांच एकड़ से अधिक खेती है।


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