कांच उद्योग को कल से मिलेगी तीन लाख घनमीटर आरएलएनजी गैस
गेल गैस लि. द्वारा 20 से 25 प्रतिशत तक की जा रही थी गैस की कटौती उद्यमियों की पहल पर गेल अधिकारियों ने निर्धारित कोटा देने पर जताई सहमति।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: सुहागनगरी के कांच व चूड़ी उद्योग के लिए राहत की खबर है। अब गेल गैस लि. द्वारा सोमवार से टीटीजेड में संचालित इकाइयों को प्रतिदिन निर्धारित कोटा के अनुसार तीन लाख घनमीटर आरएलएनजी (रिगैसीफाइड लिक्विड नेचुरल गैस) की आपूर्ति दी जाएगी।
ताज संरक्षित क्षेत्र (टीटीजेड) में आगरा व फिरोजाबाद में संचालित इकाइयों को गेल गैस लि. द्वारा प्रतिदिन 14 लाख घनमीटर नेचुरल गैस की आपूर्ति दी जा रही है। उद्यमियों का कहना है कि गेल द्वारा पिछले कुछ माह से आरएलएनजी गैस के निर्धारित तीन लाख घनमीटर कोटे में से प्रतिदिन 60 हजार घनमीटर की कटौती जा रही थी। उसके स्थान पर सबसे अधिक महंगी स्पाट आरएलएनजी गैस दी जा रही थी। इससे उद्योगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। यूपीजीएमएस व द ग्लास इंडस्ट्रियल सिंडीकेट पदाधिकारियों ने गेल गैस लि. के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मनोज कुमार से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा। इसमें तीन लाख घनमीटर आरएलएनजी गैस देने की मांग रखी थी, जिस पर गेल अधिकारियों ने सहमति जताई है।
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एक नजर में गैस की रेट
25 रुपये - प्रति घनमीटर एपीएम गैस
50 रुपये - प्रति घनमीटर आरएलएनजी गैस
145 रुपये - प्रति घनमीटर स्पाट आरएलएनजी गैस
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- अब तक यह थी व्यवस्था
गेल गैस लि. द्वारा टीटीजेड में संचालित इकाइयों को 11 लाख घनमीटर एपीएम व तीन लाख घनमीटर आरएलएनजी की आपूर्ति की जाती है। गेल द्वारा आरएलएनजी के निर्धारित कोटे में प्रतिदिन 60 हजार घनमीटर गैस की कटौती की जा रही थी। उसके स्थान पर स्पाट आरएलएनजी गैस दी जा रही थी, जिससे 95 रुपये प्रति घनमीटर के हिसाब से टीटीजेड में संचालित इकाइयों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था।
- सोमवार से यह रहेगी गैस आपूर्ति की व्यवस्था
उद्यमियों की पहल पर सोमवार से गेल गैस लि. द्वारा टीटीजेड में संचालित इकाइयों को निर्धारित कोटा के अनुसार 11 लाख घनमीटर एपीएम व चार लाख घनमीटर आरएलएनजी गैस दी जाएगी। इससे स्पाट स्पाट आरएलएनजी गैस के रूप में पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ से निजात मिलेगी।
- कांच उद्योग में प्रयोग होने वाली आरएलएनजी गैस का पूरा कोटा मिलने से टीटीजेड में संचालित उद्योगों को प्रतिदिन करीब 60 लाख की बचत होगी। साथ ही एक से 15 जून तक आने वाले बिल में भी दो-तीन रुपये प्रति घनमीटर कम बिल आने की संभावना है।
- हेमंत अग्रवाल चोइस, अध्यक्ष लघु उद्योग भारती