सुलह समझौते से हमेशा के लिए खत्म हुए 33,916 मुकदमे
जिले से ग्राम न्यायालयों तक हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन वर्षो से लंबित वाद बिना झंझट खत्म होने से खिले वादकारियों के चेहरे।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: शनिवार को लगी राष्ट्रीय लोक अदालत 33 हजार 916 मुकदमों से जुड़े पक्षकारों के लिए राहत लेकर आई। बिना किसी झंझट के सुलह समझौते से ये मुकदमे हमेशा के लिए खत्म हो गए।
दीवानी सभागार में आयोजित लोक अदालत का शुभारंभ सुबह दस बजे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिला जज संजीव फौजदार ने दीप जलाकर किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का अब वादकारियों को इंतजार रहता है। यहां निस्तारित होने वाले मामलों की फिर कहीं अपील नहीं होती। डीएम सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि लोक अदालत में कानूनी प्रक्रिया को लचीला कर वादों को निस्तारित किया जाता है। कार्यक्रम में अपर जिला जज और नोडल अधिकारी आजाद सिंह, एडीएम अभिषेक कुमार सिंह, एसपी ग्रामीण अखिलेश नारायण व सभी न्यायिक अधिकारी उपस्थित रहे। संचालन प्राधिकरण की सचिव मीनाक्षी सिन्हा ने किया।
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इन मुकदमों का हुआ निस्तारण
- जनपद न्यायालय द्वारा 4,763 वादों का किया निस्तारण
- 1.57 करोड़ रुपये प्रतिकर के रूप में दिलाए गए
- 12,458 वाद निस्तारित किए राजस्व न्यायालयों ने
- वसूली योग्य 604 वादों में 6.86 करोड़ रुपये का सेटलमेंट किया गया
- अब 13 अगस्त और 12 नवंबर को लगेगी राष्ट्रीय लोक अदालत
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आठ जोड़ों का हुआ मिलन, गुलदस्ता देकर महकाए रिश्ते
लोक अदालत ने सालों से अलग अलग रह रहे आठ जोड़ों को मिलाया। न्यायिक अधिकारियों के समझाने के बाद पति पत्नी साथ रहने पर सहमत हुए। उनके इस निर्णय पर जिला जज सहित सभी न्यायिक अधिकारियों ने उन्हें बधाई और सफल वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दी। इसके बाद एक दूसरे से अलग रहे जोड़ों ने एक दूसरे को गुलदस्ते देकर नई शुरुआत की। किसी ने एक दूसरे को फूल माला पहनाई।
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12 साल बाद मिला उत्तराधिकार प्रमाण पत्र तो नम हुई आंखें
संजय नगर निवासी वैभव कुलश्रेष्ठ का पिता की मौत के बाद उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए अप्रैल 2010 से मुकदमा चल रहा था। सिविल जज सीनियर डिवीजन मीनाक्षी सिन्हा ने सुलह समझौते से मामले का निस्तारण करा कर उन्हें प्रमाण पत्र जारी किया तो वैभव की आंखें नम हो गई। इसी तरह उन्होंने संपत्ति विवाद का 12 साल पुराना मामला निस्तारित कराया।