Move to Jagran APP

महंगाई: कांच की रंग-बिरंगी चूड़ियों की खनक हुई महंगी

नेचुरल गैस रा-मेटेरियल व केमिकल पर महंगाई का दिखा असर उद्यमियों ने पांच-छह रुपये प्रति तोड़ा रेट बढ़ाने का लिया निर्णय।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 05:11 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 05:11 AM (IST)
महंगाई: कांच की रंग-बिरंगी चूड़ियों की खनक हुई महंगी
महंगाई: कांच की रंग-बिरंगी चूड़ियों की खनक हुई महंगी

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: माउथ ब्लोइंग इकाइयों में बनने वाले कांच आइटमों के बाद अब कांच की रंग-बिरंगी चूड़ियों की खनक भी महंगी हो गई है। गेल से नए बिल आने के बाद उद्यमियों ने चूड़ी उत्पादन पर आने वाले अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए आम सहमति से पांच से छह रुपये प्रति तोड़ा तक रेट बढ़ा दिए हैं।

loksabha election banner

सुहागनगरी में बनने वाली कांच की रंग-बिरंगी चूड़ियों की देश भर में काफी डिमांड रहती है। यहां सौ से अधिक कारखानों में चूड़ी बनाई जाती हैं। इसमें करीब एक दर्जन टैंक फर्नेश की इकाइयां भी शामिल हैं। पिछले कुछ माह से कांच उत्पादन में प्रयोग होने वाली नेचुरल गैस के साथ कांच की भंगार, सोडा व केमिकल के रेट लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गेल गैस द्वारा दिसंबर के पहले सप्ताह में उद्यमियों को 28.40 रुपये प्रति घनमीटर के हिसाब से बिल भेजे गए हैं। जबकि नवंबर के तीसरे सप्ताह में 25.07 रुपये के हिसाब से बिल आए थे। उद्यमियों की मानें तो पिछले छह माह में नेचुरल गैस आठ रुपये से अधिक महंगी हुई है। सोड़ा के दाम 24 से बढ़कर 36 रुपये तक पहुंच गए हैं। साथ कांच उत्पादन में प्रयोग होने वाले सभी केमिकल भी महंगे हुए हैं, जिससे चूड़ी उत्पादन काफी महंगा हो गया है। नेचुरल गैस के नए बिल आने के बाद टैंक फर्नेश इकाइयों से जुड़े उद्यमियों ने प्रति तोड़ा पांच-छह तक बढ़ोतरी कर दी है।

-खतरे में है चूड़ी उद्योग का अस्तित्व: प्रमुख उद्यमी बिन्नी मित्तल का कहना है कि नेचुरल गैस, रा मेटेरियल व केमिकल काफी महंगा होने के कारण चूड़ी उद्योग का अस्तित्व खतरे हैं। सरकार को नेचुरल गैस के रेट कम करने पर विचार करना चाहिए, जिससे चूड़ी उद्योग को बचाया जा सके।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.