पार्षद का नाम और कोटेदार का राशन कार्ड ही काट दिया
पूर्ति विभाग के निराले हैं खेल भटकते रहे हैं लोग -नाम जोड़ने के नाम पर कार्यालयों में होती है वसूली।
केस-एक:
वार्ड नंबर 48 लेबर कालोनी की पार्षद गुड़िया गुलशन खान के परिवार में चार सदस्य हैं, लेकिन राशन तीन का ही मिलता है। पांच महीने पहले पता चला कि कार्ड से उनका नाम काट दिया गया है। उनकी जगह परिवार की मुखिया उनकी 12 साल की बेटी अक्सा खान को बना दिया है। नाम जुड़वाने के लिए पार्षद दो बार आवेदन कर चुकी हैं, लेकिन अब तक नाम नहीं जुड़ पाया है। केस-दो: सुहाग नगर में वर्षो से राशन की दुकान चलाने वाले एक कोटेदार ने बताया कि छह महीने पहले उनका पूरा कार्ड ही काट दिया है। वह सब को राशन बांटते हैं, लेकिन खुद नहीं ले पाते। उन्होंने विभाग में कई बार आवेदन भी दिया, लेकिन उनका कार्ड नहीं बन पा रहा है।
----- जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: ये दो उदाहरण ये समझाने के लिए काफी है कि जिले में राशन कार्ड और उसके यूनिट काटने और जोड़ने का खेल भी खूब चल रहा है। इसका कोई आधार भी तय नहीं है। यही वजह है कि प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में लोग यूनिट जुड़वाने और कार्ड बनवाने पूर्ति विभाग पहुंचते हैं।
ऐसे दो चार नहीं बल्कि सैकड़ों परिवार हैं, जिनके यूनिट अचानक बिना किसी सूचना या जानकारी के कट गए हैं। इसकी जानकारी उन्हें तब होती है जब कोटेदार उन्हें राशन कम देता है। काटने की वजह क्या है इस सवाल का जवाब न तो कोटेदार के पास होता है और न अधिकारी कुछ बता पाते हैं। शिकायत करने पर फिर से आवेदन करने की सलाह दी जाती है। राशन कार्ड कटने पर तो समस्या और गंभीर हो जाती है। नगर क्षेत्र में मानक से अधिक कार्ड होने के कारण नया आवेदन मुश्किल से हो पाता है।
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नाम जुड़ने पर दो तीन महीने नहीं मिलता राशन
कटे नाम वापस जुड़ने पर भी कार्डधारकों को दो से तीन महीने तक राशन नहीं मिल पाता। इसके बाद अधिकारियों का तर्क रहता है कि यूनिट बढ़ने पर उतनी मात्रा में खाद्यान्न का आवंटन विपणन विभाग को भेजा जाता है। इसके बाद विपणन विभाग कोटेदार का आवंटन बढ़ाता है। इस प्रक्रिया में समय लग जाता है।
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किसी व्यक्ति के निवासी स्थान छोड़कर जाने, लड़कियों के शादी होकर ससुराल चले जाने या किसी की मृत्यु होने पर कार्ड से यूनिट काटे जाते हैं। हो सकता है कि पार्षद का यूनिट आधार डुप्लीकेसी में कटा हो। हम इसकी जांच कराएंगे।
- सतीष चंद्र, क्षेत्रीय खाद अधिकारी