मृत बहनों पर दर्ज कराया मां की हत्या का मुकदमा
नारखी धौंकल में शनिवार शाम बंद घर में मिले थे तीनों के शव भाई ने जताई मानसिक परेशानी के चलते घटना को अंजाम देने की आशंका।
जागरण टीम, फीरोजाबाद: शनिवार की शाम थाना नारखी क्षेत्र के गांव नारखी धौंकल में बंद मकान में मां की हत्या कर खुदकशी करने वाली दोनों बहनों के खिलाफ उनके भाई ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। आशंका जताई है कि मानसिक रूप से परेशान होने के कारण दोनों बहनों ने घटना को अंजाम दिया। वे ढाई माह पहले पिता पर भी हमला कर चुकी थीं।
नारखी धौंकल निवासी वेदप्रकाश जाटव तजापुर में पुलिस चौकी के पास अकेले रहते हैं। उनके तीन बेटे भी अलग-अलग रहते हैं। घर में पत्नी विमला(62) के साथ दो बेटियां ममता(25) और रेनू (23) रहती थीं। पिछले चार दिनों से घर का दरवाजा बंद था। दरवाजे के नीचे से खून बह रहा था। दुर्गंध आ रही थी। पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर तीनों की लाशें मिलीं। ममता और रेनू फंदे से लटकी थी जबकि विमला देवी का लाश जमीन पर पड़ी थी।
बड़े भाई राधेश्याम ने दोनों बहनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें मानसिक परेशानी की वजह से मां की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। राधेश्याम ने बताया कि ढाई माह में उसकी दोनों बहनों ने पिता वेदराम पर लाठी-डंडों व लात-घूसों से तीन बार हमला किया था। इसके बाद से वह तजापुर में रहने लगे थे। पोस्टमार्टम गृह पर शिकोहाबाद विधायक मुकेश वर्मा, बसपा के वरिष्ठ नेता टीटू प्रधान, राजीव गोल्डी और अनिल भाटिया भी पीड़ित परिवार को ढांढ़स बंधाने पहुंचे।
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अक्सर झगड़ा करती थीं दोनों बहनें: राधेश्याम के अनुसार, दोनों बहनें अक्सर स्वजन से झगड़ा करती थीं। उनका व्यवहार तभी ठीक रहता था, जब उन्हें रुपये की जरूरत होती थी। मां के साथ कई बार मारपीट की थी। परेशान होकर एक बार राधेश्याम ने नारखी थाने में शिकायती पत्र देकर दोनों को आगरा के मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराने का अनुरोध किया था।
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आगरा में भी मकान मालिकों से हुआ था विवाद:
राधेश्याम ने बताया कि ममता बीटीसी कर रही थी। पिछले साल चौथे सेमेस्टर में फेल हो गई थी। रेनू ने भी तीन साल पहले बीएड में दाखिला लिया था, लेकिन पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद दोनों डिप्रेशन में आ गईं। वर्ष 2019 में दोनों प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए आगरा के न्यू कमलानगर में किराए के कमरे में रहने लगीं। एक साल में उन्होंने तीन बार कमरे बदले, हर बार मकान मालिकों से लड़ाई हुई थी। एक मकान मालिक द्वारा सामान बाहर निकालने पर ममता ने थाना कमलानगर में तहरीर दी थी।
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एक जिस्म दो जान थीं ममता-रेनू:
स्वजन के अनुसार, दोनों की शादी की चर्चा कई बार परिवार में हुई लेकिन दोनों ने इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि सरकारी नौकरी लगने के बाद ही वे शादी करेंगी। दूसरी तरफ वे शादी न करने के लिए परिवार पर तोहमत भी जड़ती रहती थीं। एक बार उन्हें अलग-अलग रखने के उद्देश्य से ममता को बड़ी बहन मंजू के घर आगरा के पैंतीखेड़ा भेजना चाहा तो उसने अकेले जाने से इन्कार कर दिया, उसकी जिद की कारण रेनू को भी साथ भेजना पड़ा। वहां भी वे बहन-बहनोई के लिए इस कदर सिरदर्द बनीं कि बहनोई जगदीश ने उन्हें बुलाने के लिए फोन किया। इंस्पेक्टर नारखी केके तिवारी ने बताया कि नौ माह पहले भी दोनों बहनों ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था। जानकारी मिलने पर पुलिस दरवाजा खुलवाने पहुंची थी।