सुहागनगरी की अयोध्या पर प्रशासन ने लगवाया ताला
- रामलीला समिति का रजिस्ट्रेशन रद होने पर सिटी मजिस्ट्रेट ने की कार्रवाई - विवादित योगीराज भवन को भी लगाई सील मौजूद रहा पुलिस फोर्स
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : कोटला रोड स्थित हनुमान जी महाराज के नाम दर्ज 52 बीघा जमीन पर बनी सुहागनगरी की अयोध्या जी और योगीराज भवन पर गुरुवार की दोपहर प्रशासन ने सील लगा दी। रामलीला समिति का पंजीकरण रद किए जाने के बाद प्रशासन ने यह फैसला लिया।
शहर में लगभग सवा सौ साल से हर वर्ष रामलीला का आयोजन होता है। 1988 में श्री सनातन धर्म रामलीला महोत्सव समिति का पंजीकरण हुआ। समिति रामलीला का आयोजन और नवरात्रि मेले लगवाती थी। इससे होने वाली आय की बचत से 1988 में अयोध्या भवन और 2014 में योगीराज भवन व अन्य निर्माण कराया गया। समिति में विवाद चलते रहे और 2003 में आरपीएस यादव सचिव बन गए जो अब तक थे। समिति सदस्यों के बीच विवाद के बाद पंजीकरण को चुनौती दी गई। 14 अगस्त को आगरा चिट फंड सोसायटी के डिप्टी रजिस्ट्रार ने पंजीकरण को रद कर दिया। गुरुवार को सिटी मजिस्ट्रेट कुंवर पंकज सिंह के नेतृत्व में फोर्स के साथ पहुंची तहसील टीम ने अयोध्या भवन और योगीराज भवन पर सील लगा दी। निवर्तमान सचिव आरपीएस यादव का कहना है कि हम हाईकोर्ट गए हैं। जल्द राहत मिल जाएगी।
दो साल पहले शुरू हुआ था विवाद
दो वर्ष पूर्व समिति की ओर से योगीराज ट्रस्ट का पंजीकरण कराया गया। इसमें मालिकाना हक रामलीला समिति अध्यक्ष व कमेटी के जाति विशेष के 11 सदस्य थे। इसको लेकर विरोध हुआ और चार दिन बाद इसे निरस्त करवा दिया गया। बाद में समिति की आय और खर्च पर रार हुई। इसके बाद समिति के पदाधिकारी श्याम सिंह यादव, नीतेश अग्रवाल जैन, रामनरेश कटारा व अन्य ने रजिस्ट्रार के यहां समिति को चुनौती दी, जिसके बाद समिति का पंजीकरण ही रद हो गया। 'समिति का पंजीकरण रद हो चुका है। योगीराज भवन और अयोध्या जी में रामलीला से संबंधित सामान रखा है। जिसकी सुरक्षा के लिए सील लगाई गई है। पूर्व पदाधिकारियों को चाबी देने के लिए दो बार पत्र लिखे गए थे, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।' -कुंवर पंकज सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट
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