कॉलेज में शिक्षक की पढ़ाई का ब्यौरा अधूरा
फीरोजाबाद जागरण संवाददाता। फर्जी शिक्षक भर्ती की जांच धीरे धीरे आगे बढ़ रही है। मंगलवार को सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी ने उन कॉलेजों के अभिलेख खंगाले जहां से सात संदिग्ध शिक्षकों ने पढ़ाई कराना दर्शाया है। इस दौरान एक शिक्षक की पढ़ाई का ब्यौरा कॉलेज के रिकॉर्ड में अधूरा मिला।
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। फर्जी शिक्षक भर्ती की जांच धीरे धीरे आगे बढ़ रही है। मंगलवार को सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी ने उन कॉलेजों के अभिलेख खंगाले जहां से सात संदिग्ध शिक्षकों ने पढ़ाई कराना दर्शाया है। इस दौरान एक शिक्षक की पढ़ाई का ब्यौरा कॉलेज के रिकॉर्ड में अधूरा मिला।
शासन से फर्जी शिक्षकों की सूची जांच के लिए प्रशासन को मिली है। सीडीओ नेहा जैन की अध्यक्षता वाली कमेटी कई महीनों से जांच पड़ताल में लगी है। अब तक चार शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी है। नियुक्ति के समय शिक्षकों ने जो शैक्षणिक प्रमाण पत्र लगाए थे, उनका सत्यापन संबंधित कॉलेजों से मांगा गया था। इसमें अधिकांश ने यह लिखकर भेज दिया कि संबंधित शिक्षक ने उनके यहां शिक्षा ग्रहण की है। इसके बाद कमेटी ने कॉलेज संचालकों को अभिलेख समेत कमेटी के सामने प्रस्तुत होने के निर्देश दिए थे।
मंगलवार की सुबह आगरा से आगरा कॉलेज, औरैया के अजीतमल से जनता महाविद्यालय, एटा से जेएलएन डिग्री कॉलेज और शिकोहाबाद से एके कॉलेज के प्रतिनिधि संबंधित शिक्षकों का डाटा लेकर पहुंचे।
सीडीओ के साथ ही बीएसए अरविद पाठक और एक पुलिस अधिकारी ने इनका अध्ययन किया। बीएसए ने बताया कि केवल एक कॉलेज के प्रतिनिधि पूरे रिकॉर्ड लाए थे। वहीं एक कॉलेज ने रिकॉर्ड में शिक्षक का ब्यौरा अधूरा मिला। एक कॉलेज के प्रतिनिधि ने बताया संबंधित शिक्षक पहली बार परीक्षा में फेल हो गया था, लेकिन बाद में री-एग्जाम देकर पास हो गया। हालांकि वह री-एग्जाम का रिकॉर्ड नहीं दिखा सके। सभी तथ्यों का अध्ययन किया जा रहा है। बीएसए ने बताया कि डायट से भी 2004 की विशिष्ट बीटीसी की सूची मिल गई है।
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अब तक सिर्फ एक गया जेल.
लगभग चार माह पहले जांच समिति ने बुलाए गए शिक्षकों में से एक के फर्जी पाए जाने पर उसे मौके से ही पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया। इसके बाद से फर्जी शिक्षक नहीं पकड़ा जा सका। इसके साथ ही वेतन की रिकवरी की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी।