मुआवजे में हेरफेर, किसानों ने काम रुकवाया
सांती में सिक्सलेन के लिए हुआ है जमीन का अधिग्रहण चनौरा के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कास्तकार
मक्खनपुर (फीरोजाबाद), संवाद सूत्र। सिक्सलेन के मुआवजे में जमीन-आसमान का अंतर देख किसान हैरान-परेशान हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि सरकार ने मुआवजा तय करने का कौन सा फार्मूला लागू किया है। एक तरफ तो किसानों को 58 लाख और दूसरी तरफ सिर्फ 3.60 लाख रुपये प्रति बीघा देने के विरोध में किसानों ने निर्माण कार्य रुकवाते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
सिक्सलेन बाइपास खैरगढ़ क्षेत्र के गांव सांती के पास से गुजर रहा है। किसानों का कहना है कि बाइपास के उत्तर दिशा में किसानों को 56 से 58 लाख रुपये की दर से मुआवजा दिया गया है। जबकि दक्षिण की तरफ मात्र 3.60 लाख रुपये ही दिए जा रहे हैं। ये भी मिला नहीं। अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया है। वहीं जमीन भी अधिक घेरी जा रही है। कई बार शिकायतें कीं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इससे परेशान किसानों ने 11 जनवरी को काम बंद करा दिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
भारतीय किसान यूनियन भानू का साथ मिलने के बाद चनौरा के पास धरना भी शुरू कर दिया है। भानू के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि एसडीएम की रिपोर्ट जाने के बाद भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी अधिक ली गई जमीन का मुआवजा नहीं दे रही है। इस तरह का अन्याय किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मुआवजा देने में प्रदेश में करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है। सांती में एक दर्जन से अधिक किसानों का मुआवजा अधर में लटका हुआ है।
सुल्तान ¨सह, ठाकुर नीलम ¨सह, हितगोपाल उपाध्याय टिल्लू, आबिद, पातीराम, रामनरेश, मोतीलाल, कमल ¨सह, सुल्तान ¨सह, मुकेश, सत्येंद्र, संजय, उर्मिला देवी, लाडो देवी, सीता देवी, राजा देवी, राजो देवी, स्नेह लता, कल्पना, राजन श्री, सुख देवी, रजनी, सोनी, प्रेमचंद आदि धरने पर बैठे हैं। इस संबंध में एसडीएम शिकोहाबाद जैनेंद्र ¨सह से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।