बाइडन युग से जागी एक्सपोर्ट की तरक्की की उम्मीदें
-कोरोना काल में 60 फीसद से अधिक कारोबार में आई थी गिरावट निर्यातक बोले जीएसपी वापसी की उम्मीद बढ़ेगा कारोबार।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: अमेरिका में अब जो बाइडन युग की शुरुआत के साथ फीरोजाबाद के ग्लास एक्सपोर्ट की उम्मीदें सजने लगी हैं। कोरोना काल से उबरते देशों में जहां अब कारोबार बढ़ने की उम्मीद है, वहीं बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद जीएसपी की वापसी की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। इंडिया को जीपीएस के दायरे में शामिल होने से फिर से ग्लास हैंडीक्राफ्ट की डिमांड बढ़ सकती है।
फीरोजाबाद से ग्लास हैंडीक्राफ्ट का प्रत्यक्ष रूप से सालाना 500 करोड़ का एक्सपोर्ट होता है, जबकि देश के अन्य शहरों के माध्यम से दो हजार करोड़ का कारोबार होता है। मार्च में कोरोना संक्रमण ने देश भर में तबाही मचाई। इससे सुहागनगरी के एक्सपोर्ट उद्योग को करोड़ों की चपत लगी। कोरोना काल में क्रिसमस पर सुहाग नगरी से विदेशों में होने वाले कारोबार में 60 फीसद से अधिक गिरावट दर्ज की गई। जबकि एक्सपोर्ट का 80 फीसद कारोबार क्रिसमस पर ही टिका है। कोरोना से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पांच जून-2019 से भारत को जनराइज्ड सिस्टम आफ प्रेफरेंसेज (जीएसपी) के दायरे से बाहर कर दिया था। इससे अमेरिका के बाजार में बिकने वाले कांच आइटम महंगे हो गए थे। जीएसपी खत्म होने से फीरोजाबाद के कांच एक्सपोर्ट को तगड़ा झटका लगा था। भारत और अमेरिका के रिश्ते सुधरने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि ट्रंप जीएसपी को फिर से बहाल करेंगे। इस दिशा में संकेत भी मिले थे, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
ग्लास एक्सपोर्टर नए राष्ट्रपति बाइडन से उम्मीदें लगा रहे हैं। बाइडन का भारत के प्रति पहले से अच्छा रुख रहा है और उपराष्ट्रपति भी भारतवंशी हैं। इसको देखते हुए राहत की उम्मीद लगाई जा रही है।
- राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप का कार्यकाल फीरोजाबाद के कांच एक्सपोर्ट उद्योग के लिए अच्छा नहीं रहा। अब अमेरिका में बाइडन युग शुरू होने से उम्मीद की जा रही है कांच एक्सपोर्ट को काफी बढ़ावा मिलेगा। कारोबार में जो दिक्कत हैं, उनका भी जल्द समाधान होगा। - मुकेश बंसल टोनी, अध्यक्ष एक्सपोर्ट एसोसिएशन -जो बाइडन द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेना फीरोजाबाद के कांच एक्सपोर्ट के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि बाइडन भारत के लिए काफी सोचते हैं। उनकी कमेटी में कई भारतवंशी शामिल हैं। हमें पूरी उम्मीद है इससे कांच एक्सपोर्ट को काफी फायदा होगा। - विजय दीप सिंह, एक्सपोर्टर