हाईवे किनारे गत्ता फैक्ट्री में भीषण आग
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : हाईवे किनारे स्थित गत्ता फैक्ट्री में मंगलवार दोपहर अचानक आग
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : हाईवे किनारे स्थित गत्ता फैक्ट्री में मंगलवार दोपहर अचानक आग लग गई। इससे यहां अफरा- तफरी मच गई। आग की लपटों से आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड कर्मियों व मजदूरों ने राहत कार्य शुरू किया। अग्निकांड में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
शहर की पॉश कॉलोनी गणेश नगर निवासी नरेंद्र मीतल पुत्र सियाराम की हाईवे स्थित सेंट जोंस चौराहा के समीप मीरा ग्लास फैक्ट्री है। मीरा ग्लास फैक्ट्री में कांच की बोतल व ग्लास बनाए जाते हैं तो इसी परिसर में हाईवे साइड में गत्ता फैक्ट्री है। गत्ता फैक्ट्री का संचालन नरेंद्र के बेटे योगेश मीतल के जिम्मे है। होली के त्योहार से कुछ दिन पहले से गत्ता फैक्ट्री बंद है। गोदाम में गत्ता भरा हुआ था। मंगलवार को ग्लास फैक्ट्री में काम चल रहा था। सुबह करीब 11.40 बजे गत्ता फैक्ट्री के गोदाम से धुआं उठता देख कर्मचारी सन्न रह गए। कुछ ही देर में गोदाम से भीषण आग की लपटें उठने लगी। सूचना पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी जसवीर ¨सह दमकल के साथ पहुंच गए। तीन गाड़ियों से आग बुझाने का काम शुरू किया गया।
फायरकर्मी गत्ते पर पानी डाल रहे थे तो फैक्ट्री मजदूर गत्तों के बंडलों को हथठेल व हाथों से उठाकर बाहर एक स्थान पर फेंक रहे थे, ताकि आग पुन: न सुलग सके। करीब चार घंटे बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। फैक्ट्री मालिक योगेश मीतल ने बताया आग संभवत: शॉर्ट सर्किट से लगी है। आग में करीब तीन से चार लाख रुपये की कीमत का कागज जल गया है। अग्निकांड में मशीनें भी खराब हो गई हैं, जिनमें भी इतना ही नुकसान है। उन्होंने बताया काम बंद चल रहा था। सीएफओ जसवीर ¨सह का कहना है फैक्ट्री में हाइडेंट प्वाइंट नहीं हैं, जिसके लिए नोटिस भेजा जाएगा। वहीं आग का कारण क्या रहा, यह अभी तक अस्पष्ट है। अग्निकांड में करीब दस से पंद्रह लाख रुपये का नुकसान हो सकता है। आग बुझाने में करीब चार घंटे लग गए थे।
आग बुझाने में काम आई मिट्टी:
गत्ता फैक्ट्री के गत्ता गोदाम में आग लगने से फैक्ट्री में अफरा-तफरी मच गई थी। सबसे पहले ग्लास फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर राहत कार्य में जुट गए। पानी के अलावा गोदाम के समीप पड़े ढेर से मिट्टी को आग पर फेंकना शुरू कर दिया, जिससे आग पर काफी हद तक काबू पा लिया था। अगर मजदूर राहत कार्य शुरू नहीं करते तो आग और फैल सकती थी।