बड़े सौदागरों तक न पहुंच पाई पुलिस
गांव से शराब खरीदकर पीने से तीन श्रमिकों की गई थी जान तीन दिन बाद लिखा गया विक्रेताओं पर मुकदमा।
जासं, फीरोजाबाद: खैरगढ़ क्षेत्र के शेखपुरा गांव में घटिया शराब पीने वाले तीन श्रमिकों की मौत के बाद पुलिस और आबकारी विभाग के कई कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई तो हो गई, मगर मौत के असली गुनहगारों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाए हैं। घटना के तीसरे दिन सौदागरों का माल बेचने वाले गांव के तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हो गया, लेकिन उन तक शराब की खेप पहुंचाने वालों का पता नहीं लगाया जा सका।
शेखपुरा गांव में सोमवार की शाम नबीचंद्र, उसके भतीजे संजय यादव और अवधेश ने गांव से शराब खरीदकर पी थी। मंगलवार को तीनों की मौत हो गई। शराब से मौतों पर खलबली मचने के बाद जिला आबकारी अधिकारी को हटा दिया गया। इसके बाद आबकारी इंस्पेक्टर, पुलिस इंस्पेक्टर और कांस्टेबल निलंबित किए गए थे।
एसएसपी ने शराब के सौदागरों की तलाश के लिए तीन टीमें लगाई। जिले भर में अभियान चलाने के निर्देश दिए। तीन दिन बाद शुक्रवार को मृतक संजय के भाई ने गांव में शराब बेचने वाले श्यामवीर, घासीराम और व्यापारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
चार दिन गुजरने के बाद हालत यह है कि अब तक पुलिस शेखपुरा और आसपास के गांवों में घटिया शराब की आपूर्ति करने वालों तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि एसपी ग्रामीण राजेश कुमार की जांच रिपोर्ट में गांव में अवैध शराब बिकने की बात की पुष्टि हुई थी। इसी तरह की रिपोर्ट आबकारी विभाग ने दी थी। इसके बावजूद अब तक अब तक बड़े लोग नहीं पकड़े गए। हर बार की तरह ठंडी न पड़ जाए कार्रवाई
चार दिन गुजरने के बाद एक बार फिर मामला ठंडा पड़ता नजर आ रहा है। जानकारों का कहना है कि पुलिस और आबकारी विभाग की टीम आए दिन अवैध शराब बेचने वालों को पकड़ती है, लेकिन आखिरी सिरे तक नहीं जाती। यही वजह है कि प्यादे पकड़े जाते हैं और माफिया बदस्तूर खेल खेलता रहता है।
शेखपुरा प्रकरण को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है। शराब के अवैध कारोबार से जुड़े लोगों का जल्दी पर्दाफाश होगा। पूरे जिले में अभियान चल रहा है। शराब के ठेकों पर जांच की जा रही है।'
सचिद्र पटेल, एसएसपी फीरोजाबाद