भाइयों के तिलक कर बहनों ने मांगी लंबी उम्र की दुआ
शुक्रवार को घर-घर में भैया दूज का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर बहनों ने भाइयों के तिलक कर लंबी उम्र की दुआ मांगी। भाइयों ने भी बहनों की रक्षा का वचन देते हुए उन्हें उपहार दिए। घरों के अलावा जेल पर बहनों की भीड़ उमड़ी। बहन भाइयों के मिलन पर आंसुओं का सैलाब बहा। दीपोत्सव के पांच दिवसीय पर्व का शुक्रवार को अंतिम दिन था। भैया दूज पर घरों में सुबह से ही तैयारियां शुरु हो गई थीं। घरों में पकवान बनाए गए।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: शुक्रवार को घर-घर में भैया दूज का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर बहनों ने भाइयों के तिलक कर लंबी उम्र की दुआ मांगी। भाइयों ने भी बहनों की रक्षा का वचन देते हुए उन्हें उपहार दिए। घरों के अलावा जेल पर बहनों की भीड़ उमड़ी। बहन भाइयों के मिलन पर आंसुओं का सैलाब बहा।
दीपोत्सव के पांच दिवसीय पर्व का शुक्रवार को अंतिम दिन था। भैया दूज पर घरों में सुबह से ही तैयारियां शुरु हो गई थीं। घरों में पकवान बनाए गए। सुबह से बहन और भाइयों की दौड़ शुरू हो गई। कोई बाइक पर पति और बच्चों के साथ भाई के घर पहुंची तो कई भाई बहनों की सुसराल टीका लगवाने पहुंच गए। घर के आंगन में चौक काढ़ कर विधिवत पूजा की गई। बहनों ने भाइयों के तिलक किया। बड़े भाइयों ने उन्हें घड़ी, चौकलेट, मोबाइल आदि उपहार दिए।
इधर, उजाला होने से पहले ही जेल के बाहर बहनों की भीड़ लग गई थी। सुबह आठ बजे पहले चरण में पांच सौ महिलाएं जेल के अंदर पहुंचीं और तिलक किया। जेल के अंदर भैया दूज पर भावनाएं बहती नजर आईं। शाम सवा पांच बजे तक मिलाई का सिलसिला चला। दिनभर में 2117 महिलाओं और 965 बच्चों ने यहां पर मुलाकात की। 1035 कैदियों ने भैया दूज मनाई। जेल अधीक्षक मुहम्मद अकरम खान ने बताया कि कैंटीन में मिठाई की व्यवस्था की गई थी।
भाई से मिलकर निकली बहन को हुई प्रसव पीड़ा: भाई दूज पर गर्भवती बहन भाई को टीका लगाने गई थी। जेल के गेट से बाहर निकलते ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। आननफानन में जेल की एम्बुलेंस से उसे महिला अस्पताल भिजवाया गया। जहां उसने बेटे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ बताए गए हैं।