डर रोकता है बच्चों का बौद्धिक विकास
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : गांधी पार्क में चल रहे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि के संपन्न प
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : गांधी पार्क में चल रहे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि के संपन्न पांच दिवसीय शिविर के दूसरे दिन मुंबई से आए प्रोफेसर गिरीश भाई ने खुशनुमा जीवन के संबंध में चर्चा करते हुए कहा अगर हम सदैव खुश रहना चाहते हैं तो हमें पांच सिद्धांतों पर अमल करना होगा। आध्यात्म को समझना होगा। व्रत रखना मानवीय जीवन है, असली खुशी हमें आध्यात्म से मिल सकती है।
सुबह छह बजे से शुरू होने वाले कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहरवासियों ने प्रतिभाग किया। खुश रहने के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए प्रोफेसर गिरीश ने कहा हमें आत्मा का अनुभव करना होगा। शरीर का महत्व सिर्फ तभी तक है, जब तक आत्मा है। कर्म पर जोर देते हुए कहा कि ध्यान रखें, हमें कर्म के आधार पर फल भोगना पड़ता है, किसी के साथ गलत करने के बाद सॉरी बोलने से कर्म मिटता नहीं है, इसका फल भोगना पड़ेगा। दुनिया में जन्नत तभी दिखाई देगी, जब हमें इंसान में इंसान दिखाई देगा। सदा खुश रहने का संदेश देते हुए कहा इसके लिए जरूरी है शांत होना एवं मीठा बोलते हुए हिम्मत से काम लेना। हमें कभी गुस्सा नहीं होना चाहिए। हर परिस्थिति में हमें खुश रहना चाहिए। पांचवे सिद्धांत के रूप में उन्होंने कहा सदैव एक बात याद रखें जीवन में सदैव दुख का कारण हम खुद हैं। हमें कोई दुख नहीं देता है, जो सत्य है उसके अनुसार चलना है। डर मानव जीवन को बर्बाद कर देता है। माता पिता को अगर बच्चे की पढ़ाई की ¨चता होगी तो बच्चे का बौद्धिक विकास कम होता है। माता पिता का डर उनका बौद्धिक विकास रोक देता है।
सामंजस्य में छिपा है सच्चा प्रेम :
दोपहर 11 बजे से चलने वाले सत्र में प्रोफेसर गिरीश भाई ने सच्चे प्रेम पर प्रकाश डालते हुए कहा दैहिक आकर्षण प्रेम नहीं है, बल्कि प्रेम वह है जब हम एक दूसरे को समझें। एक दूसरे के साथ सामंजस्य रखते हुए कंधे से कंधा मिलाकर चलें। शाम पांच बजे से आर्चिड ग्रीन में कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें महापौर नूतन राठौर, सरस वर्मा, देवीचरन अग्रवाल, डॉ.प्रभाष्कर राय, कृष्णकांत गुप्ता, राकेश सीए, विनोद शर्मा, सुनील टंडन, अनुज अग्रवाल, मंगल ¨सह राठौर एवं पवन अग्रवाल उपस्थित रहे।