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जमीन के विवाद में किसान की गोली मारकर हत्या, हंगामा

ग्राम समाज की जमीन पर फसल बोने को लेकर चल रहा था विवाद दोनों पक्ष पट्टा अपने नाम बता रहे थे चार घंटे नहीं उठने दिया शव।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 05:46 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 05:46 AM (IST)
जमीन के विवाद में किसान की गोली मारकर हत्या, हंगामा
जमीन के विवाद में किसान की गोली मारकर हत्या, हंगामा

संवाद सहयोगी एका (फीरोजाबाद): ग्राम समाज की जमीन पर खेती के विवाद में शुक्रवार सुबह ताबड़तोड़ फायरिग कर किसान की हत्या कर दी गई। सीने और हाथ में तीन गोलियां लगने से किसान की मौके पर ही मौत हो गई। हत्याकांड से गुस्साए परिवारीजनों और ग्रामीणों ने चार घंटे तक शव को नहीं उठने दिया। फिलहाल आरोपित फरार हैं।

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घटना सुबह 11 बजे गांव नगला देवा की है। ग्राम समाज की लगभग साढ़े पांच बीघा जमीन को लेकर नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ गुड्डू और रामनाथ बढ़ई पक्ष के बीच विवाद था। दोनों पक्ष इसका पट्टा अपने नाम बताते थे। पिछले साल जमीन पर रामनाथ और उनके भाई सत्यप्रकाश ने फसल की थी, जबकि इस साल गुड्डू ने गेहूं की फसल बो दी थी। सुबह लगभग 11 बजे गुड्डू अपने 14 वर्षीय बेटे अभिषेक व पत्नी नीता के साथ खेत पर थे। इस बीच नगला देवा के निवासी रामनाथ और आगरा में रहने वाले उनके भाई सत्यप्रकाश, इंद्रेश पुत्र सत्यप्रकाश समेत आधा दर्जन कार सवार खेत पर पहुंचे। गाली-गलौज के बीच दूसरे पक्ष की तरफ से असलहों से फायरिग कर दी गई। नीता ने बताया कि हमलावरों की फायरिग में उनके पति को सीने, बांह और चेहरे पर गोलियां लगी और उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद हमलावर पूरे परिवार को मारने की धमकी देते हुए भाग निकले।

हत्याकांड की सूचना पर एसपी ग्रामीण राजेश कुमार और इंस्पेक्टर एका वीरेंद्र पाल सिंह पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर विपक्षियों से मिलीभगत के आरोप लगाते हुए पुलिस को शव उठाने से रोक दिया। चार घंटे तक पुलिस परिवार वालों और ग्रामीणों को मनाती रही, लेकिन वे नहीं माने। आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा देकर आक्रोश शांत कराया। एसपी ग्रामीण ने बताया कि मृतक की पत्नी की तहरीर पर रामनाथ, उनके भाई सत्यप्रकाश, इंद्रेश कुमार, दोस्त राम निवास व कुछ अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।

- बेटे ने भागकर बचाई जान-

नीता देवी ने बताया कि हमलावरों ने उनके बेटे अभिषेक सिंह पर भी फायरिग की थी, लेकिन उसने भाग कर जान बचाई। आरोप है कि उनके साथ भी मारपीट की गई। नरेंद्र की मौत होने की जानकारी के बाद हमलावर भाग गए।

- पुलिस करती कार्रवाई तो बच जाती जान..

- नीता ने बताया कि डेढ़ साल पहले दोनों परिवार में मेलजोल था। खेत में बुआई को लेकर रंजिश हो गई। दो माह पहले रामनाथ पक्ष ने नरेंद्र के छप्पर व मकान में आग लगा दी थी। पुलिस को तहरीर दी, लेकिन कार्रवाई न होने से आरोपितों का दुस्साहस बढ़ता गया। अगर पुलिस कार्रवाई करती तो आरोपित इस तरह घटना को अंजाम नहीं दे पाते। एसपी ग्रामीण ने बताया कि आरोपों की जांच सीओ जसराना को सौंपी गई है।


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