CoronaVirus: संक्रमित के अंतिम संस्कार पर छिड़ी रही गांव में रार, अधिकारियों को देना पड़ा दखल
सैफई हॉस्पिटल से शव लेकर नगला ताल पहुंची थी एम्बुलेंस तड़के यमुना किनारे सजी चिता। क्वारंटाइन से बेटे को ले जाने वाले एम्बुलेंस चालक भागे जबरन भिजवाई गई एम्बुलेंस।
फीरोजाबाद, जेएनएन। सैफई आयुर्विज्ञान विवि में हुई कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद नगला ताल गांव में अंतिम संस्कार को लेकर रार छिड़ गई। देर रात शव पहुंचने के बाद ग्रामीण विरोध पर अड़ गए। पुलिस अधिकारियों के पहुंचने के बाद कई घंटे तक मामला चलता रहा। इसके बाद सुबह चार बजे यमुना किनारे पर अंतिम संस्कार हो सका। वहीं क्वारंटाइन में चल रहे मृतक के बेटे को ले जाने वाले एम्बुलेंस चालकों ने इन्कार कर दिया। अधिकारियों के दखल के बाद किसी तरह उसे पहुंचाया गया।
नगला ताल निवासी 70 वर्षीय वृद्ध का दिल्ली में इलाज चल रहा था। लिवर की बीमारी से पीड़ित वृद्ध को रविवार को सैफई रेफर किया गया था, जहां वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। सोमवार को उपचार के दौरान वृद्ध की मौत हो गई। वहां क्वारंटाइन किया गया वृद्ध का बेटा किसी तरह वहां से भाग निकला था, जिसके बाद उसे पकड़कर शिकोहाबाद के हॉस्पिटल में क्वारंटाइन कराया गया। सोमवार रात लगभग डेढ़ बजेे वृद्ध का शव लेकर एम्बुलेंस गांव पहुंची। इसकी खबर लगते ही ग्रामीण एकजुट हो गए और श्मसान में अंतिम संस्कार का विरोध शुरू कर दिया। इसकी खबर लगते ही एसपी ग्रामीण राजेश कुमार, एएसपी डॉ इरज राजा फोर्स के साथ पहुंच गए। इसके बावजूद ग्रामीण तैयार नहीं हुए। उधर, शिकोहाबाद क्वारंटाइन में चल रहे वृद्ध के बेटे को गांव तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई, लेकिन एम्बुलेंस चालक भाग गए और मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए। अधिकारियों तक मामला पहुंचने के बाद एम्बुलेंस चालक को खोजकर लाया गया। सुबह चार बजे उसके पहुंचने पर ग्राम उरावर के पास यमुना किनारे वृद्ध का अंतिम संस्कार किया जा सका। इस दौरान इंस्पेक्टर नगला खंगर मुकेश कुमार, लेखपाल प्रवीन कुमार आदि लोग उपस्थित थे। एएसपी ने बताया कि ग्रामीणों को समझा दिया गया था। एहतियात बरतते हुए यमुना किनारे एकांत में सुबह चार बजे अंतिम संस्कार हो गया। परिवार में केवल वृद्ध का बेटा पहुंचा था।