अब हर किसान के हाथ में होगा क्रेडिट कार्ड
15 दिन चलेगा विशेष अभियान कैंप लगाकर बैंक बनाए किसान क्रेडिट कार्ड डीएम करेंगे निगरानी ऋण सीमा भी बढ़ाई जाएगी
फीरोजाबाद, जासं, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनाने में अब बैंकों की मनमानी नहीं चलेगी। जिले में जितने किसान हैं, उन सभी के क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे। भारत सरकार से इस तरह के निर्देश मिलने के बाद कृषि विभाग और बैंक इस काम में जुट गए हैं। 15 दिन अभियान चलाकर किसानों से औपचारिकताएं पूरी कराकर कार्ड जारी कराए जाएंगे। डीएम खुद इस अभियान की निगरानी करेंगे।
अभी तक किसानों की यही शिकायत रहती थी कि केसीसी जारी करने में बैंककर्मी परेशान करते हैं और वसूली किए बिना कार्ड नहीं बनाते। केसीसी न होने के कारण किसानों को खेती करने के लिए साहूकारों से मोटी ब्याज पर कर्ज लेना पड़ता है, इससे आगे चलकर कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं। किसान की पूरी कमाई कर्ज चुकाने में खर्च हो जाती है। कई बार कमाई और कर्ज की रकम का अंतर इतना हो जाता है कि किसानों को अपनी जमीन गंवानी पड़ती है।
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास में जुटी भारत सरकार ने अब उन सभी किसानों के केसीसी बनाने के आदेश किए हैं जिन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ दिया गया है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में 2.40 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिला है। जबकि केसीसी डेढ़ लाख के करीब की हैं। इनमें से भी कई हजार निष्क्रिय हैं। सरकार ने सभी निष्क्रिय केसीसी को सक्रिय करने के साथ नए केसीसी जारी करने और सक्रिय कार्डो की ऋण सीमा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कृषि विभाग, बैंक और राजस्व विभाग मिलकर काम करेगा। 22 फरवरी तक बैंक विशेष कैंप लगाएंगी। वहीं तहसीलों से किसानों को खसरा, खतौनी तत्काल जारी की जाएंगी।
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किसानों ने किया सरकार के फैसले का स्वागत
एक बार केसीसी बनवाने का प्रयास किया था तो बैंक प्रबंधक ने बहुत सारे कागजात बता दिए थे। कई बैंकों से नोड्यूज लाने के लिए भी कहा था। बैंक वाले नोड्यूज के भी पैसे मांग रहे थे। इसलिए हमने केसीसी का विचार छोड़ दिया। अब अगर सरकार बनवा रही है तो ये खुशी की बात है। हम भी बनवा लेंगे।
पुष्पेंद्र कुमार शर्मा, गांव रामपुर-एका
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हमारे पास पौने दो बीघा खेत है। एक बार केसीसी बनवाने बैंक गए तो मैनेजर ने जमीन कम बताते हुए कार्ड बनाने से मना कर दिया। हम जैसे छोटे किसानों पर कई बार खाद, बीज खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते। हम सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। केसीसी होगा तो हमें खेती करने में आसानी होगी।
विजय कुमार रावत, एका
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केसीसी बनवाने में काफी झंझट होते हैं। इसलिए हमने कभी केसीसी बनवाने के लिए आवेदन ही नहीं किया। अब अगर सबके कार्ड बनेंगे तो हम भी बनवा लेंगे। यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। मोटी ब्याज की जगह बैंक को कम ब्याज देनी पड़ेगी तो खेती की लागत अपने आप कम हो जाएगी।
भूरी सिंह, महीपुरा
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बाबा के नाम से जमीन है। उन्हीं के नाम से केसीसी भी है। इसमें ब्याज बहुत कम लगती है। वहीं यदि किसी से उधार लेकर खेती की जाती है तो वह काफी महंगी पड़ती है। हम जरूरत पर पैसा निकालते हैं और फसल की बिक्री होते ही बैंक में जमा कर देते हैं। केसीसी किसानों के लिए काफी फायदेमंद है।
कालू सिंह, नारखी
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