नहीं मिल रही बिजली, सिंचाई को लंबी वेटिग
ग्रामीण क्षेत्र में 24 में से पांच से सात घंटे बमुश्किल मिल रही बिजली समय से सिचाई नहीं होने पर फसलों में नुकसान होने का बढ़ रहा खतरा।
संवाद सहयोगी, फीरोजाबाद: प्रदेश सरकार किसानों को भले ही पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति देने का दावा कर रही हो, लेकिन धरातल पर कागजों में ही करंट दौड़ रहा है। सर्दी से देहाती अंचल की बिजली व्यवस्था भी कंपकंपा गई है। 24 में से मात्र पांच से सात घंटे बिजली मिलने से अन्नदाता परेशान हैं। नलकूपों से सिंचाई के लिए किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं फसलों पर पाले का खतरा भी मंडरा रहा है।
सरकार के आदेश हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में 10-12 घंटे विद्युत आपूर्ति की जाए, ताकि किसान समय से फसलों की सिचाई कर सकें। विद्युत सब स्टेशनों पर तैनात कर्मचारी 24 घंटे में से मात्र पांच से सात घंटे ही बिजली दे पा रहे हैं। जबकि खेतों में खड़ी आलू, सरसों और गेंहू जैसी फसलों को सिचाई की बहुत आवश्यकता है। सर्दी के मौसम में पाले से बचाने के लिए भी कृषि विशेषज्ञ एवं कृषि विभाग सिंचाई पर जोर दे रहे हैं, लेकिन बिजली न मिलने से नलकूपों पर तीन से चार दिन की वेटिंग लग रही है। किसानों का कहना है कि अगर समय से फसलों की सिचाई नहीं हुई तो फसल को नुकसान हो सकता है।
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कोहरे एवं हवाओं का बनाते हैं बहाना
बिजली के लिए परेशान किसान जब सब स्टेशन पर संपर्क करते हैं तो कभी वहां से कोहरा होने की बात बताई जाती है या तेज हवाओं के चलते बिजली कटौती की बात बताई जाती है।
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मात्र छह से सात घंटे आपूर्ति दी जाती है। इसका भी कोई समय निर्धारित नहीं है। दिन में कम बिजली आने से आलू की फसल की सिचाई नहीं हो पा रही है।
भानु प्रताप, लुहारी
फोटो-3
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मेरे नलकूप से दो सौ बीघा फसल की सिचाई होती है। वर्तमान में सौ बीघा में गेहूं और बाकी में आलू लहसुन की फसल खड़ी है। कम बिजली मिलने के कारण एक किसान का दो से तीन दिन में नंबर आ पाता है। शिशुपाल सिंह, रामपुरा, एका फोटो-4
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इस बार मैंने 20 बीघा आलू एवं 30 बीघा में गेहूं की फसल की है। बिजली मात्र चार से पांच घंटे ही मिल रही है। अगर समय से खेती की सिचाई नहीं हुई तो फसल खराब हो जाएगी। -रिकू, नारखी फोटो-5
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65 बीघा में गेहूं, सरसों और आलू की फसल बोई है। बंबा में एक दिन पानी आया था, जिससे फसलों की सिचाई कर ली थी। अब बिजली नहीं आने से फसलों पर पाले का खतरा मंडराने लगा है।
-हरेंद्र पाल सिंह, कुमरपुर फोटो-6