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गांव के हिस्ट्रीशीटर ने चुराई थीं जैन मंदिर से प्रतिमाएं

फीरोजाबाद जासं। पचोखरा के पमारी जैन मंदिर से प्रतिमाएं गांव के हिस्ट्रीशीटर ने अपने साथी के साथ मिलकर चुराई थीं। प्रतिमाओं का सौदा करने की फिराक में वह गांव से निकल पाता उससे पहले पुलिस ने धर लिया। थैले में ले जाई जा रहीं अष्टधातु की प्रतिमाएं बरामद होने की खबर लगते ही जैन समाज में खुशी की लहर दौड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 11:34 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:03 AM (IST)
गांव के हिस्ट्रीशीटर ने चुराई थीं जैन मंदिर से प्रतिमाएं
गांव के हिस्ट्रीशीटर ने चुराई थीं जैन मंदिर से प्रतिमाएं

फीरोजाबाद, जासं। पचोखरा के पमारी जैन मंदिर से प्रतिमाएं गांव के हिस्ट्रीशीटर ने अपने साथी के साथ मिलकर चुराई थीं। प्रतिमाओं का सौदा करने की फिराक में वह गांव से निकल पाता, उससे पहले पुलिस ने धर लिया। थैले में ले जाई जा रहीं अष्टधातु की प्रतिमाएं बरामद होने की खबर लगते ही जैन समाज में खुशी की लहर दौड़ गई।

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पचोखरा थाना क्षेत्र के पमारी गांव में प्राचीन जैन मंदिर है। गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे मंदिर खुला हुआ था। इसी बीच भगवान महावीर व भगवान सुपा‌र्श्वनाथ की अष्टधातु की दो वजनी प्रतिमाएं चोरी हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ की, जिसमें बताया गया कि दो लोगों को मंदिर के पास घूमता हुआ देखा गया है, इनमें से एक गांव से बाहर का है।

एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि शुक्रवार सुबह करीब सात बजे सिकरारी बंबा के निकट स्थित आटा मिल चौराहे से मूर्ति चोर जयपाल पुत्र शेर सिंह को पकड़ लिया गया, जबकि उसका साथी फरार हो गया। जयपाल के थैले से प्रतिमाएं बरामद हुई है, जिन्हें वह बेचने के लिए आगरा की तरफ जा रहा था। वह पचोखरा थाने का हिस्ट्रीशीटर है। जबकि उसका साथी राजू पुत्र दीवान सिंह हाल निवासी कुबेरपुर आगरा फरार है। वार्ता में सीओ टूंडला डॉ.अरुण कुमार, एसओ संजय कुमार मौजूद रहे। अपहरण में जमानत पर छूटा है जयपाल

मूर्तियों के साथ पकड़ा गया जयपाल अपहरण के मामले में कई महीने जेल में बंद था। लगभग एक महीने पहले वह जमानत पर छूटकर आया और वारदात की फिराक में था। राजू से उसकी जेल में मुलाकात हुई थी। छूटने के बाद दोनों फिर मिले और लंबा हाथ मारने का प्लान बनाया। दोनों मंदिर से मूर्तियां चुराने में कामयाब तो हो गए, लेकिन ग्रामीणों ने पहचान लिया और पुलिस को सूचना दे दी।

--शातिर है फरार साथी

मूर्ति चोरी में शामिल राजू मूल रूप से उत्तराखंड का बताया जा रहा है, जो फिलहाल कुबेरपुर में नाम बदलकर रह रहा था। वहां पर उसे लोग ऋषि के नाम से जानते हैं। घटना को अंजाम देने के बाद वह जगह बदलकर फरार हो गया।


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