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शौर्य चक्र मिलने पर सूबेदार विजय के गांव नगला गुलाल में जश्न

सिरसागंज संस। एयर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पुंछ सेक्टर में दो आतंकियों को ढेर करने वाले सुहाग नगरी के लाल सूबेदार विजय सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। सम्मान मिलने के साथ ही फौजियों के गांव नगला गुलाल में जश्न मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Mar 2019 10:58 PM (IST)Updated: Thu, 14 Mar 2019 10:58 PM (IST)
शौर्य चक्र मिलने पर सूबेदार विजय के गांव नगला गुलाल में जश्न

संवाद सहयोगी, सिरसागंज: एयर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पुंछ सेक्टर में दो आतंकियों को ढेर करने वाले सुहाग नगरी के लाल सूबेदार विजय सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। सम्मान मिलने के साथ ही फौजियों के गांव नगला गुलाल में जश्न मनाया गया।

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गांव नगला गुलाल में खेती करने वाले किसान राधेश्याम के बेटे विजय सिंह यादव 1996 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह मराठा रेजीमेंट में नायब सूबेदार हैं। 18 फरवरी, 2018 को पुंछ सेक्टर में आतंकियों ने पुलिस की चौकी घेरकर अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी थी। विजय सिंह और उनकी टीम ने मुकाबला करते हुए दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया था। आतंकियों से बड़ी मात्रा में असलहे, बारूद और पाकिस्तानी झंडे मिले थे। विजय की वीरता की खबर आई तो नगला गुलाल में खुशियां मनाई गई थीं। इसके बाद उन्हें शौर्य चक्र दिए जाने का एलान हुआ।

गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने सूबेदार विजय सिंह यादव को शौर्य चक्र से सम्मानित किया। फौजियों के गांव नगला गुलाल में ग्रामीण लाइव प्रसारण देख रहे थे। जैसे ही विजय सिंह को सम्मानित किया गया तो पूरा गांव खुशी में झूम उठा। न सिर्फ उनका परिवार बल्कि पूरे गांव में जश्न का माहौल पैदा हो गया। रिटायर्ड फौजियों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाकर जय हिद के नारे लगाए। ग्रामीणों का कहना था कि नगला गुलाल के लाल ने अपनी वीरता से हम लोगों का मस्तक गर्व से ऊंचा करने का कार्य किया है। उनके आने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा। पिता बोले, निडर है मेरा लाड़ला

राष्ट्रपति भवन में बेटे के सीने पर जैसे ही मैडल सजा, पिता राधेश्याम की आंखें गर्व से भर आईं। उन्होंने बताया कि विजय बचपन से ही निडर था। गलत बात कतई बर्दाश्त नहीं थी। आज सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है कि बेटे ने अपनी मिट्टी का नाम रोशन किया है। गांव में रहने वाले विजय के छोटे भाई भी पिता के साथ खेती करते हैं। विजय बचपन से ही फौजी बनने का शौक मन में पाले हुए था। वह कहता था कि मैं फौज में जाकर देश की सेवा करूंगा। आज विजय की वीरता पर हमें गर्व हैं। हमें खुशी है कि उसने हमारे गांव में जन्म लिया।

- ईश कुमार, रिटायर्ड फौजी-12 हमें बहुत खुशी है कि हमारे गांव की मिट्टी में पले विजय ने दुश्मनों को मुंहतोड जवाब दिया और दो आतंकियों को मार गिराया था। शौर्य चक्र के लिए हम उन्हें दिल से सेल्यूट करते हैं। - अचम्भे सिंह , रिटायर्ड फौजी-13


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