हुसैन की याद में बहाएंगे नहीं, रक्तदान करेंगे
मोहर्रम की 10वीं तारीख पर मुस्लिम समाज के कुछ युवा इंसानियत की नजीर पेश की है। इस बार इस्लामिक सेंटर ने सीनाजनी न करते हुए रक्तदान करने का फैसला लिया है।
राजीव शर्मा, फीरोजाबाद: मोहर्रम की 10वीं तारीख पर मुस्लिम समाज के कुछ युवा इंसानियत का नया पैगाम देंगे। इमाम हुसैन की शहादत में सीनाजनी (छाती पीटना) न करके वो अपना खून दान करेंगे ताकि उनका खून औरों की जिंदगी बचाने के काम आ जाए।
आमतौर पर इस दिन शिया व सुन्नी समाज के लोग अलम और ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक करने जुलूस के रूप में ले जाते हैं। इस दौरान युवा सीनाजनी कर मातम मनाते हैं। वे खुद को लहूलुहान भी कर लेते हैं। इस्लामिक सेंटर की पहल पर इस बार ऐसे ही कुछ युवा शुक्रवार को जिला अस्पताल में रक्तदान करेंगे।
हुसैन की याद में करते हैं सीनाजनी:: मोहर्रम की दसवीं तारीख को इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ करबला के मैदान में इस्लाम की खातिर शहादत दी थी। उन्हीं की याद में शिया समुदाय के लोग सीनाजनी करके मातम मनाते हैं।
-बीमार और जरूरतमंदों की मदद करने से इस्लाम का सही पैगाम जाएगा। इस्लामिक सेंटर के 25 युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया गया है। हम कोशिश कर रहे हैं कि शिविर में कुछ ¨हदू भाई भी रक्तदान करें।
मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी सचिव, इस्लामिक सेंटर