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मकान पर बैंक का ताला, परिवार बेघर

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: नगर पालिका कार्यकाल में धन की प्रत्याशा में कराए गए लाखों रुपये

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jan 2018 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 05:44 PM (IST)
मकान पर बैंक का ताला, परिवार बेघर
मकान पर बैंक का ताला, परिवार बेघर

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: नगर पालिका कार्यकाल में धन की प्रत्याशा में कराए गए लाखों रुपये का आज भी भुगतान नहीं हो सका है। इसके चलते कई ठेकेदार बर्बाद हो गए। एक ठेकेदार ने तो बैंक में अपना घर गिरवीं रखकर लोन लिया था। भुगतान न होने के चलते लोन अदा न होने पर ठेकेदार के आशियाने पर बैंक ने कब्जा कर अपना ताला डाल दिया।

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वर्ष 2006-2007 में नगर पालिका परिषद फीरोजाबाद में धन की प्रत्याशा में करोड़ों रुपये के निर्माण कार्य कराए गए थे। पूर्व चेयरमैन के कार्यकाल में करोड़ों रुपये के काम हो गए। बाद में शासन द्वारा ग्रांट कम कर दी गई, जिसके चलते ठेकेदारों का करोड़ों रुपये का भुगतान अटक गया। ग्रांट कम होने एवं काम का दबाव अधिक होने की वजह से पूर्व चेयरमैन ने पद से इस्तीफा दे दिया। वर्ष 2011 में चेयरमैन के पद पर सपा के राकेश दिवाकर काबिज हुए, लेकिन इन ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो सका। वर्ष 2014 में नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिला, जिसके चलते बोर्ड भंग कर दिया गया। दिसंबर तक निगम की कमान अधिकारियों के हाथों में रही। इस दौरान ठेकेदारों ने कई बार बकाए के भुगतान की मांग उठाई, लेकिन कुछ नहीं हो सका। करोड़ों रुपये का भुगतान न होने से परेशान कई ठेकेदार कंगाल हो गए। एक ठेकेदार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो भुगतान के आदेश हुए, मगर कुछ नहीं हुआ।

जिन ठेकेदारों का निगम पर बकाया है उनमें एक नगला करन ¨सह निवासी सतीश चंद्र पुत्र महाराज ¨सह भी हैं। वर्ष 2006-2007 में सतीश को 12.60 लाख रुपये की लागत से नाला निर्माण कार्य मिला था। बैंक में मकान को गिरवीं रखकर लोन लेकर कार्य कराया। भुगतान न होने के चलते बैंक की ब्याज बढ़ती गई। लोन अदा न किए जाने की स्थिति में बैंक ने आरसी जारी कर दी। इसके बाद हाल ही में बैंक ने सतीश के मकान पर कब्जा करते हुए ताला लगा दिया। अब ठेकेदार का परिवार बेघर हो गया। ठेकेदार ने नगर आयुक्त को पत्र भेजकर भुगतान कराने की गुहार लगाई है। निगम एक्सईएन एसपी मिश्रा का कहना है करीब 35 करोड़ रुपये ठेकेदारों के बकाया हैं, जिसके लिए शासन को पत्र भेज बजट उपलब्ध कराने की मांग की है। रुपये मिलने पर भुगतान कर दिया जाएगा।


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