हादसे में कानपुर के कारोबारी व पुत्रवधू की मौत
संवाद सहयोगी शिकोहाबाद (फीरोजाबाद) कानपुर के बैटरी कारोबारी की स्कार्पियो रविवार सुबह नसीरपुर क्षेत्र में लखनऊ एक्सप्रेस वे पर अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में कारोबारी और उनकी पुत्रवधू की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इकलौता पुत्र उसके दो बच्चे और चालक घायल हो गए। सभी बदरीनाथ-केदार नाथ के दर्शन कर घर लौट रहे थे।
संवाद सहयोगी, शिकोहाबाद (फीरोजाबाद): कानपुर के बैटरी कारोबारी की स्कार्पियो रविवार सुबह नसीरपुर क्षेत्र में लखनऊ एक्सप्रेस वे पर अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में कारोबारी और उनकी पुत्रवधू की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं इकलौता पुत्र, उसके दो बच्चे और चालक घायल हो गए। सभी बदरीनाथ-केदार नाथ के दर्शन कर घर लौट रहे थे।
कानपुर, किदवई नगर के 128/189 ई ब्लाक निवासी छेदीलाल गुप्ता (70) पुत्र कालूराम कानपुर-उन्नाव रोड पर इन्वर्टर की बैटरी बनाने का कारोबार करते थे। 19 मई को वह इकलौते पुत्र गौरव उर्फ आशू गुप्6ता (40), उसकी पत्नी रिकी उर्फ जया गुप्ता (37), पौत्र विराट गुप्ता (7) पौत्री उन्नति गुप्ता (9) और चालक आदित्य गुप्ता (30) के साथ स्कार्पियो गाड़ी संख्या यूपी 78 ईआर 4595 से केदारनाथ-बदरीनाथ धाम दर्शन करने गए थे। शनिवार देर शाम सभी बदरीनाथ से घर के लिए रवाना हुए।
रविवार सुबह चालक आदित्य गुप्ता गाड़ी में पीछे सो रहा था। ंवहीं गौरव गुप्ता स्कार्पियो चला रहे थे। रविवार सुबह करीब चार बजे उनकी गाड़ी नसीरपुर क्षेत्र में लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 54 किलोमीटर के समीप पहुंची। तभी गौरव को झपकी लग गई। कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा कर कई बार पलटी। गाड़ी में बैठे सभी लोग दब गए। यूपीडा कर्मी और थाना पुलिस ने स्कार्पियो की छत काटकर सभी लोगों को बाहर निकाला। वे घायलों को शिकोहाबाद के जिला संयुक्त चिकित्सालय लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर ने छेदीलाल और उनकी पुत्रवधू रिकी को मृत घोषित कर दिया। अन्य घायलों को फीरोजाबाद सरकारी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। चालक आदित्य गुप्ता को सरकारी ट्रामा सेंटर और अन्य घायलों को प्राइवेट ट्रामा सेंटर मे भर्ती कराया। पोस्टमार्टम के बाद दोनों शवों व घायलों को लेकर परिवारीजन कानपुर चले गए। - हादसे की सूचना पर पहुंचे मित्र:
हादसे की सूचना गौरव ने परिवारीजनों को मोबाइल से दी। शिकोहाबाद की यादव कॉलोनी निवासी पारिवारिक मित्र संजय यादव सूचना मिलने पर फीरोजाबाद अस्पताल पहुंचे। कुछ घंटे बाद कानपुर से भी लोग आ गए।
- मेरी मां से मिला दो:
घायल दोनों बच्चे अपनी मां को बार-बार याद कर रहे थे। कह रहे थे, मां तुम कहां हो। मुझे मेरी मां से मिला दो। उन्हें नहीं पता था कि उनकी मां अब दुनिया में नहीं रही। बच्चों की बातों को सुनकर अस्पताल में लोगों की आंखें नम हो गईं।