घोटालेबाज 12 राशन डीलरों में खलबली
अब ईओडब्लू करेगी जांच अगस्त 201
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: 2018 में हुए राशन घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपे जाने से जिले के 12 घोटालेबाज डीलरों में खलबली मच गई है। गरीबों का हक मारकर लाखों का राशन डकारने वाले इन डीलरों पर एफआइआर दर्ज कराई गई थी। ये एक ही आधार कार्ड से कई कार्डों का राशन निकाल लेते थे।
राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने 2017 में इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल (ई-पास) मशीन से वितरण की व्यवस्था लागू की। जो आधार कार्ड पर आधारित है। कार्डधारकों को अंगूठा लगाने के बाद आधार कार्ड से प्रमाणित होने के बाद राशन दिया जाता है। शातिरों ने इस व्यवस्था में भी सेंध लगा ली। प्रदेश स्तर पर हुए घोटाले में जिले के एक दर्जन डीलर भी शामिल थे। ये एक आधार कार्ड को किसी भी राशन कार्ड के साथ जोड़कर उसका राशन निकाल लेते थे। इसमें जिला पूर्ति कार्यालय में तैनात एक प्राइवेट कंप्यूटर आपरेटर अनिल कुमार भी शामिल था। घोटाला पकड़े जाने के बाद शासन स्तर से जांच का मेल आते ही फरार हो गया। विभागीय अधिकारियों ने जांच के बाद शहर के छह, शिकोहाबाद की चार और फरिहा के दो डीलरों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज करा दी थी। मामले की जांच एसआइटी द्वारा की जा रही थी, लेकिन शासन ने अब इसे ईओडब्ल्यू को सौंप दिया है। क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी सतीश चंद्र ने बताया कि अभी विभाग में जांच के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है। -इन पर हुई थी एफआइआर:
शहर के मुईनुद्दीन पर 408 राशन कार्ड, ऊषा देवी पर 150, कमला देवी पर 96, बहादुर सिंह पर 83 राशन कार्डों का राशन निकालने के आरोप में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। बाद में नन्ने बाबू और नगीना सिद्दीकी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ। शिकोहाबाद में शांतिदेवी पर 135, लायक सिंह पर 106, बली मुहम्मद पर 99, रज्जोदेवी पर 87, फरिहा में अशोक कुमार जैन पर 142 और रमेश चंद्र पर 135 कार्डों का राशन लेने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज हुई।