जायद से आय की उम्मीद लगाए किसानों को झटका
जागरण संवाददाता फतेहपुर किसानों की आय पर कोरोना का डंक फिर लग गया है। बाजार बंद
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : किसानों की आय पर कोरोना का डंक फिर लग गया है। बाजार बंदी होने से हरी सब्जी की बाहर जाने वाली खेप कम हो गई है जिससे सब्जी के दाम लुढ़क गए। सहालग व भंडारा में हरी सब्जी की भारी खपत थम जाने से बाजार में भाव इस कदर गिर गए कि किसानों को लागत निकालना मुश्किल पड़ रहा है। जायद में कद्दू, तरोई, लौकी, करैला , खीरा, ककड़ी समेत तरबूज व खरबूजा की खेती किसानों ने दस हजार हेक्टेअर से अधिक क्षेत्रफल में किया था। पिछले साल कोराना के चलते नुकसान में आए किसान इस साल उम्मीद से फसल तैयार किया लेकिन फलत आते ही कोरोना ने फिर घेर लिया।
आय दूना करने में जायद की फसल किसानों के लिए वरदान बनती है। रबी की फसल लेने के बाद किसान खाली खेतों में हरी सब्जी के साथ खरबूजा, टमाटर व तरबूज तैयार कर अतिरिक्त आय हासिल करते है। पिछले चार साल से जिले में सब्जी का उत्पादन तेजी के साथ बढ़ रहा है। बुंदेलखंड के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, रायबरेली, प्रयागराज व कानपुर जिले में यहां से सब्जी भेजी जाती है। एक मई के बाद से साप्ताहिक बंदी लागू हो जाने से बाहर जाने वाली सब्जी में रूकावट आ गई। इतना ही नहीं कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते किसान भी शहर सब्जी लाना कम कर दिया। सहालग व भंडारा में भारी मात्रा खपने वाली सब्जी की मांग न होने से दाम बेहद कम हो गए। जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा रहा है।
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थोक बाजार में सब्जी के दाम
लौकी - 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल
कद्दू - 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल
आलू - 1000 से 1100 रुपये प्रति क्विंटल
करैला - 1200 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल
मिर्च - 1200 से 1300 रुपये प्रति क्विंटल
भिडी - 1100 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल
पालक - 500 से 600 रुपये प्रति क्विंटल
तरोई - 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल
खीरा - 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल
ककड़ी - 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल
खरबूजा - 2000 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल
तरबूज - 600 से 700 रुपये प्रति क्विंटल
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रामगोपाल, बेरुईहार
तीन बीघे में भिडी की फसल तैयार हो गई थी,यह था कि बीस रुपये किलों तक थोक में बिकेगी लेकिन सब्जी बाहर न जाने से दाम आधे हो गए। सिचाई व खाद का खर्च निकालना मुश्किल पड़ रहा है।
छेद्दू, लोधीगंज
जायद की फसल की आय से खरीफ फसल के लिए खाद, बीज का इंतजाम हो जाता है। लौकी व कद्दू तैयार किया था लेकिन भाव इतना गिर गए कि तैयार सब्जी के बेंचने का संकट खड़ा हो गया है।
राजू, अब्दुल्लापुर घूरी
मिर्च की खेती किए हुए है जिले से दूसरे जनपदों में मिर्च की खेप जाना बंद हो गई है ऐसे में माल खपाना मुश्किल हो रहा है। कोरोना ने किसानों को बर्बाद कर दिया है, सरकार से मदद की गुहार है।
अखिलेश मौर्य, देवरी