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ई-पाठशाला में होगी साप्ताहिक प्रश्नोत्तरी, जुड़ेंगे प्रेरणा साथी

जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना संक्रमण के चलते बंद स्कूलों की ओर से पठन पाठन ई-पाठ

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 05:27 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 05:27 PM (IST)
ई-पाठशाला में होगी साप्ताहिक प्रश्नोत्तरी, जुड़ेंगे प्रेरणा साथी
ई-पाठशाला में होगी साप्ताहिक प्रश्नोत्तरी, जुड़ेंगे प्रेरणा साथी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना संक्रमण के चलते बंद स्कूलों की ओर से पठन पाठन ई-पाठशाला के माध्यम से कराने का निर्णय लिया था। इस निर्णय में अहम दिक्कत यह थी कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों के पास एंड्रायड फोन नहीं थे, अगर फोन हैं तो फिर रिचार्ज करने की दिक्कत आ रही थीं। ऐसे में ई-पाठशाला का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा था। बेसिक शिक्षा महानिदेशक ने व्यवस्था में बदलाव करते हुए प्रेरणा साथी जोड़ने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्कूल में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं को बच्चों के अभिभावकों और गांव के गणमान्यों को प्रेरणा साथी के रूप में जोड़ा जाएगा। यह साथी बच्चों के पठन-पाठन में मददगार साबित होंगे। स्कूलों पर एक नजर

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- प्राथमिक स्कूल :1903

- उच्च प्राथमिक स्कूल : 747

- कुल परिषदीय स्कूल : 2650

- कुल पंजीकृत बच्चे : 2 लाख 66 हजार 345 बीईओ और एआरपी करेंगे मॉनीटरिग

ई-पाठशाला बेपटरी न हो इसके लिए बीईओ-खंड शिक्षाधिकारी और एआरपी-एकेडमिक रिसोर्स परसन संयुक्त रूप से मॉनीटरिग की जिम्मेदारी निभाएंगे। बीएसए ने एक पत्र जारी करके ई-पाठशाला को समृद्ध करने के निर्देश दिए हैं। यह भी निर्देशित किय है कि हर विद्यालय का अपडेट डाटा प्रतिदिन तैयार किया जाए। शनिवार को होगी प्रश्नोत्तरी, बाकी दिन पढ़ाई

ई-पाठशाला को रोचक बनाने और विद्यार्थियों को पढ़ाई का पूरा समय मिले इसके लिए कार्य योजना बनाई गयी है। इसके मुताबिक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को विषय वस्तु वाट्सएप ग्रुप में परोसा जाएगा। इसके बाद अंतिम दिन शनिवार को प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम होगा। जिसमें बच्चे की बौद्धिक क्षमता का आकलन किया जाएगा। रविवार को अवकाश रहेगा। ई-पाठशाला बेहद रोचक पढ़ाई है। जो कुछ दिक्कतें आ रही हैं उनको दूर किया जाएगा। संचालन के साथ ही क्रियान्वयन की समृद्ध योजना तैयार की गई है। बीईओ, एआरपी और जिला समन्वयक तथा मैं खुद मॉनीटरिग करूंगा। इससे बच्चों को सुग्राही और बोधगम्य शिक्षा परोसी जा सके और वह उसका लाभ उठा सकें।

शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए


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