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विटामिन ‘ए’ वरदान, बचाएगी बच्चों की ‘जान’

बाल पोषण माह बाल पोषण माह

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Aug 2022 04:00 AM (IST)Updated: Thu, 04 Aug 2022 04:00 AM (IST)
विटामिन ‘ए’ वरदान, बचाएगी बच्चों की ‘जान’
विटामिन ‘ए’ वरदान, बचाएगी बच्चों की ‘जान’

विटामिन ‘ए’ वरदान, बचाएगी बच्चों की ‘जान’

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जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए बुधवार को डीएम श्रुति ने जिला अस्पताल से बाल पोषण माह का शुभारंभ किया। यहां एक से 10 माह के बच्चे को विटामिन ए की खुराक अपने हाथ से पिलाई। इसी के साथ जिले भर के 353 स्थलों में यह खुराक पिलाई गई। यह विटामिन बच्चों के स्वास्थ्य के लिए वरदान है, इसके सेवन से बच्चों की मृत्युदर में कमी आती है और वह खसरा, अतिसार, स्किन रोग व नेत्र रोग से लड़ने के लिए मजबूत हो जाते हैं। डीएम ने खुराक पिलाने के साथ ही नवजात की मां का जच्चा-बच्चा कार्ड देखा और अब तक के हुए टीकाकरण के बारे में जानकारी भी ली।

सीएमओ डा. सुनील भारतीय ने बताया कि अभियान पूरे माह चलेगा, उन स्थलों पर यह दवा पिलाई जाएगी जहां पहले से बुधवार व शनिवार को टीकाकरण सत्र आयोजित होते हैं। सत्र स्थल पर आशा व आंगनबाड़ी बच्चों को बुला कर लाएंगी और एएनएम बच्चों को खुराक पिलाएगी। पहले दिन 35,300 बच्चों को दवा पिलाई गई। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आयोजित किया गया था। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. सुरेश ने बताया कि शासन की ओर से नौ माह से पांच वर्ष के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। साथ ही अभियान के तहत कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की भी पहचान कर उनका समुचित उपचार किया जाएगा। शुभारंभ अवसर पर सीएमएस डा. आरएम गुप्ता, सीएमएस महिला डा. रेखारानी, एसीएमओ डा. इस्तियाक अहमद, डा. अफाक सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मचारी रहे।

जिले में लक्ष्य व बच्चों की संख्या

बच्चों का आयु वर्ग------संख्या

नौ से 12 माह तक ------17,540

एक से दो वर्ष तक ------ 66,096

दो से पांच साल तक ------2,07,103

नोट- नौ से 12 माह के बच्चों को आधा चम्मच (एक एमएल) और इसके बाद 5 साल तक के बच्चों को एक चम्मच (दो एमएल) विटामिन ए की खुराक दी जाएगी।

यह फायदे मिलेंगे

- बच्चे के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी।

- सभी तरह की बीमारियों में 23 प्रतिशत की कमी आएगी।

- खसरे के कारण होने वाली मृत्यु में 50 प्रतिशत की कमी आएगी।

- अतिसार रोग के कारण होने वाली मौतों में 33 प्रतिशत सुरक्षा मिलेगी।

- रतौंधी रोग नहीं होगा, त्वचा रोगों से बचाव होगा।


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