बिरनई इंका में दो शिक्षक भर्ती, 7 कॉलेज लाइन में
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शासन की रोक कागजों में धरी की धरी रह गई है जिले के एक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शासन की रोक कागजों में धरी की धरी रह गई है जिले के एक इंटर कॉलेज में दो शिक्षकों की भर्ती कर ली गई है। बंदिश को दरकिनार करते हुए जिले के 7 अन्य विद्यालय भर्ती प्रक्रिया की लाइन में लगे हुए हैं। आने वाले समय में इसी पद्धति से इन विद्यालयों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो जाने की पूरी आशाएं दिख रही हैं। वहीं सवित्त इंटर कॉलेजों के नियोक्ता अधिकारी डीआइओएस का कहना है कि उन्होंने माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश का पालन करते हुए नियुक्तियां कराई हैं।
सर्वोदय इंटर कॉलेज बिरनई में प्रबंधतंत्र ने शासन के नियमों को बौना साबित करते हुए विद्यालय में दो शिक्षकों की नियुक्तियां कर ली हैं। दिलीप कुमार को जुलाई 2018 एवं शुभेंद्र कुमार को नवंबर 2018 से नियुक्ति करके पगार भी हासिल करा दी है। बेहद गोपनीय तरीके से हुए नियुक्ति का काम उजागर हुआ तो चर्चाआम हो गई। भर्ती में रोक के बावजूद नियुक्ति के प्रकरण को जानने के लिए लोगों की जिज्ञासाएं बढ़ गई हैं। जिले के एक विद्यालय ने यह काम कर दिखाया है तो नियुक्त कराने की लाइन में सर्वोदय इंटर कॉलेज असोथर, लाल बहादुर शास्त्री इंटर कॉलेज पूरेमीतन, पं. जवाहर लाल नेहरू इंटर कॉलेज खखरेड़ू, शुकदेव इंटर कॉलेज खागा, एएस इंटर कॉलेज खागा, राजा रघुराज प्रताप ¨सह इंटर कॉलेज संवत कतार में लगे हुए हैं। डीआइओएस महेंद्र प्रताप ¨सह ने बताया कि मामले में कोर्ट ने निर्णय सुनाया था। जिसके क्रम में उन्होंने निदेशक माध्यमिक शिक्षा से गाइड लाइन मांगी थी। निदेशक ने नियुक्ति करने का आदेश दिया था जिसके क्रम में नियुक्तियां दी गई हैं। प्रबंध समिति किस तरह से जीतती जंग
शासन ने भले ही वर्ष 2008 से नियुक्तियों में रोक लगा रखी हो लेकिन प्रबंधतंत्र बैठक में प्रस्ताव पास करके नियुक्ति की पत्रावली डीआइओएस कार्यालय भेजते हैं। भर्ती में रोक का हवाला देकर डीआइओएस इन नियुक्तियों को निरस्त कर देते हैं। इसी आधार पर प्रबंधक हाईकोर्ट चले जाते हैं। जिसमें मामला निस्तारित करने के लिए कोर्ट से आदेश हो जाया करते हैं। इस कोर्ट के आदेश को लेकर जिले सहित शासन में पैरवी करते अपने पक्ष में नियुक्त का आदेश करा दिया जाता है। जौनपुर जनपद के जिन्न ने रास्ता दिखाया
जानकारों की मानें तो नियुक्ति में रोक के बाद भर्ती का पहला प्रकरण जौनपुर से शुरू हुआ। एक कॉलेज ने ऐसी ही विधि अपनाई और सवित्त विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती करा दी। इस आदेश की कॉपी के आधार पर प्रबंधक पूरी प्रक्रिया कराते हैं और फिर नियुक्त कराने में सफल हो जाते हैं। जिसके एवज में मनचाही रकम भी प्रबंध समिति को मिलती है।