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..तो फिर नालियों से बहकर बर्बाद होगा बारिश का पानी

जागरण संवाददाता फतेहपुर बारिश दस्तक दे रही है और जलसंचयन की कवायद में हम जहां से

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 07:04 PM (IST)
..तो फिर नालियों से बहकर बर्बाद होगा बारिश का पानी
..तो फिर नालियों से बहकर बर्बाद होगा बारिश का पानी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बारिश दस्तक दे रही है और जलसंचयन की कवायद में हम जहां से थे वहीं खड़े हैं। ऐसे हालातों में यह कहा जा सकता है कि हर साल की तरह इस बार भी बारिश का पानी नालियों से बहकर बर्बाद होगा।

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बारिश के पानी को फिर से धरती की कोख में लौटाने की रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना में धरातल में कुछ काम नहीं हुआ है। फाइलों ने दौड़ रही योजना की फिक्र जिम्मेदारों की भी नहीं है। यही कारण है कि निजी, सरकारी इमारतों में हार्वेस्टिंग प्लांट ही नही बना है। तीन सौ वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली इमारतों में हार्वेस्टिंग प्लांट बनवाने की अनिवार्यता लागू है। इसके बाद भी यह प्रभावी नहीं हो पा रहा है। लघु सिचाई विभाग ने जिले में 2643 इमारतों को हार्वेस्टिंग प्लांट के लिए चिह्नित किया। इसमें से दो हजार से अधिक परिषदीय विद्यालय है। बेसिक शिक्षा विभाग ने हार्वेस्टिंग प्लांट पर पंचायतों के माध्यम से काम तो शुरू करा दिया लेकिन इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। तकनीक की होती अनदेखी

तीन सौ वर्ग मीटर में मानक के अनुसार हार्वेस्टिंग प्लांट तैयार करने में लगभग 84 हजार रुपये का खर्च आता है। हार्वेस्टिंग प्लांट जो बने वह मानक के अनुसार तकनीकी ²ष्टि से फिट हो इसके लिए शासन ने लघु सिचाई विभाग को नोडल विभाग बनाया है। सहायक अभियंता एसबी सिंह ने बताया कि प्लांट की डिजाइन सभी विभागों में भेज दी गई है और यह भी कहा गया कि किसी तरह की तकनीकी सलाह उनके विभाग के अवर अभियंताओं से ली जा सकती है। कहा कि अभी तक किसी विभाग ने तकनीकी सलाह नहीं मांगी और न ही बनने के बाद किसी विभाग ने सत्यापन कराया। ऐसे में बन रहे हार्वेस्टिंग प्लांट की गुणवत्ता पर विभाग की कोई जिम्मेदारी नहीं है। कागज में दौड़ रही फाइल

बारिश का पानी सहेजने की यह महत्वाकांक्षी योजना फाइलों में दौड़ रही है। शहर में विनियमित क्षेत्र को योजना को धरातलमें उतारने की जिम्मेदारी है। बताते है नक्शा पास करते समय हार्वेस्टिंग प्लांट अनिवार्य तो कर दिया जाता है, लेकिन निर्माण के समय लोग इसे बनाना भूल जाते है। 50 से एक लाख का खर्च बचाने के लिए निजी क्षेत्र की इमारतों हार्वेस्टिंग प्लांट की हो रही अनदेखी को विनियमित क्षेत्र के अधिकारी भी रोक नहीं पा रहे हैं। विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता डीआर चौरसिया ने कहा कि हार्वेस्टिंग प्लांट न बनवाने वालों को चिह्नित किया जा रहा है। नोटिस भेजने के बाद कार्रवाई तय की जाएगी।


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