छिना मतदाताओं से सरकार चुनने का अधिकार, दिखा रोष
जागरण संवाददाता फतेहपुर चूल्हा तभी जलाउंगी जब वोट डालकर आउंगी.. लोकतंत्र की शान
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: चूल्हा तभी जलाउंगी, जब वोट डालकर आउंगी.., लोकतंत्र की शान, सब लोग करे मतदान.., ऐसे न जाने कितने नारे शहर से गांव तक खूब गूंजे। यह प्रशासन का प्रयास ही था कि अखबार, सोशल मीडिया, गांव की चौपालों तक में मतदान के प्रति जागरूकता जागी। लेकिन सोमवार को जब वोट डालने का सपना लेकर मतदाता बूथों पर पहुंचे तो उनके सपने चूर हो गये, चूंकि इन्हें अपनी मनचाही सरकार चुनने का अवसर ही नहीं मिला। कारण की मतदाता सूची में इनके नाम ही नहीं थी। यह एक दो बूथों में नहीं बल्कि कमोवेश हर बूथ में ऐसा ही नजारा रहा लोग बिना वोट डाले घर लौट गये।
लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए यूं तो चुनाव से पहले कई चरणों में मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया गया, यहां तक कि बूथों में कैंप लगाकर मतदाता सूची में नाम जोड़े व शुद्ध किए गए। बावजूद आज जब वोट का मौका आया तो हजारों की संख्या में मतदाता ऐसे रहे जिनके नाम मतदाता सूची से गायब मिले। मतदाता सूची शुद्ध करने के लिए डोर टू डोर सर्वे हुआ लेकिन खामियां कम होने के बजाय इस चुनाव में और बढ़ती दिखाई दी। अधिकांश मतदाताओं के घर वोटर पर्ची नहीं पहुंची, लेकिन एक दिन पूर्व डीएम द्वारा की गयी अपील का असर रहा कि लोग मतदाता पर्ची न मिलने पर भी हेल्प डेस्क से सहयोग के लिए बूथ तक पहुंच गए। यहां जब नामों का मिलान शुरू हुआ तो पता चला कि सूची में नाम ही नहीं है। कई जगह तो मतदाता सूची में नाम न होने को लेकर हंगामा भी हुआ लेकिन कुछ देर बाद सब कुछ शांत हो गया।
सलेमाबाद की सन्नो देवी, रामानुज, सहिमापुर-उन्नौर बूथ के दिलीप कुमार, साहिल, भगवान सिंह, पुरूषोत्तम, भिटौरा तृतीय के रामसखी, भदार के राकेश कुमार, बीसापुर के अजीत कुमार, कैथपुरवा की सुशीला, छिटनापुर की बिदो, छेउका के रामनरेश, तिवारीपुर के राजू का कहना था कि उनका नाम पिछले चुनावों में था लेकिन इस बार उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है। वह बूथ में भी गये मिलान किया लेकिन नाम नहीं थी। आरोप लगाया कि बीएलओ ने गड़बडी की। इसी तरह शहर के आवास विकास, शादीपुर, जयराम नगर, खुशवक्तराय नगर, अशोक नगर, ईसाइनपुरवा, देवीगंज, अंदौली, मसवानी, ज्वालागंज के सैकड़ों ऐसे मतदाता रहे जिनका नाम मतदाता सूची से गायब रहा। जिदा सूची से गायब, मृतकों के नाम दर्ज
बूथों में जब वोटिग के दौरान मतदाताओं ने मतदाता सूची खुद अपने आंख से देखी तो बीएलओ के कामकाज की पोल खुल गयी। अनेक बूथ ऐसे रहे जहां उन जीवित मतदाताओं के नाम सूची से गायब है, जबकि मृतक मतदातओं के नाम आज भी सूची में दर्ज है। शहजादपुर में गंगा चरन तिवारी का नाम दर्ज है लेकिन उनकी मृत्यु हो चुकी है। यह तो उदाहरण मात्र है, ऐसी ही दशा कमोवेश हर बूथ में रही।
पर्ची वितरण में फेल रहे बीएलओ
पिछले तीन चुनावों से मतदाता पर्ची मतदान करने का बुलावा व यह पुष्ट करने का तरीका बन गया है कि आपका मतदाता सूची में है। छह मई को हुए मतदान में अधिकांश बूथों में पर्ची वितरण न होने के कारण अधिकांश मतदाता बूथों में वोट डालने गये ही नही। चूंकि उन्हें यह अंदेशा था कि पर्ची नहीं आयी है हो सकता है कि उनका नाम मतदाता सूची में ही नहीं है। हालांकि डीएम ने पहले ही कहा कि पर्ची न बांट पाने वालों पर कार्रवाई होगी। लखनऊ से आया बीमार, नहीं डाल पाये वोट
बिदकी नगर के ठठराही मुहल्ला निवासी लक्ष्मीकांत मिश्र इस समय असाध्य बीमारी से जूझ रहे है, जिसके चलते उनका पूरा परिवार उन्हें लखनऊ में लेकर महीनों से उपचार करा रहा है। चूंकि लक्ष्मीकांत पुराने कांग्रेसी नेता है, इस लिए उन्होंने बीमारी से ज्यादा वोट को महत्व दिया। पूरे परिवार उनके साथ वोट डालने आया। लेकिन जब बूथ में पहुंचे तो पता चला कि पूरे परिवार का वोटर लिस्ट से नाम ही गायब है।