एनजीटी के मानक भूल पानी से निकाल रहे मौरंग
जागरण संवाददाता फतेहपुर मौरंग व्यवसाय से जुड़े लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) एनजीटी के नियम
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मौरंग व्यवसाय से जुड़े लोग नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) एनजीटी के नियम-कानून भूल गए हैं। मौरंग खंडों में बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर खनन में एनजीटी के मानक का उल्लंघन किया जा रहा है। अंधेर यह है कि खनिज विभाग की ओर से नोटिस व जुर्माने की कार्रवाई के बाद पट्टाधारक सबक नहीं ले रहे हैं। खंडों में रात दिन मौरंग निकालने का काम जारी है। मौरंग खंड से ही ओवरलोड मौरंग देकर ओवरलोडिग के खिलाफ चल रहे अभियान को चुनौती दे रहे हैं।
अगर आप किसी खंड के पट्टाधारक हैं तो आपको पट्टे की शर्तों को मानना ही होगा। पट्टा शर्तों में शामिल है कि मौरंग खंड का अधिकृत क्षेत्र है तब भी अगर खनन करने पर पानी निकल आए तो वहां पर खनन नहीं किया जा सकता है। किसी भी दशा में पट्टा की चौहद्दी के बाहर खनन नहीं कर सकते हैं। हर हाल में खनन क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरे चलने चाहिए और उसका रिकार्ड भी मौजूद रहना चाहिए। लेकिन इस तरह के मानकों और नियमों को ताक में रखकर खनन किया जा रहा है। मनमानी के कारण जहां विभाग की किरकिरी हो रही है तो वहीं पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
केस-1
अढ़ावल कंपोजिट एक व दो की खुली पोल
डीएम की ओर से अढ़ावल में चार मौरंग खंडों मे एक साथ छापेमारी करवाई गई थी। इसमें से अढ़ावल कंपोजिट खंड एक और दो में पोकलैंड मशीनें सीज की गई थीं। जबकि अढ़ावल-11 और ए-वन में खंड के अंदर से ही ओवरलोडिग की बात पकड़ी जा चुकी है। इन खंड़ों पर जुर्माना व नोटिस की कार्रवाई भी प्रचलित है।
केस-2
गढ़ीवा मझिगंवा का वीडियो हो चुका वायरल
24 घंटे पूर्व गढ़ीवा मझिगंवा मौरंग खदान का एक वीडियो वायरल हो चुका है। इस एक मिनट के वायरल वीडियो में मशीन पानी के अंदर से मौरंग निकाल कर ट्रैक्टर ट्रालियों में लोड कर रही है। डीएम अपूर्वा दुबे ने इस प्रकरण में जांच प्रचलित कर रखी है। जबकि खनिज अधिकारी भी प्रकरण की सत्यता की जांच में जुटे हैं। मौरंग के अवैध खनन व ओवरलोडिग को लेकर खनिज विभाग जिला प्रशासन के मिलकर अभियान चला रहा है। किसी खंड में नियम और मानक टूटे यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो मामले प्रकाश में आ रहे हैं, उनपर कार्रवाई तय की जा रही है।
अजीत पांडेय, खनिज अधिकारी