फतेहपुर में वरासत दर्ज कराने को तहसीलों में होगा काउंटर, गांव-गांव लगेंगे कैंप
जागरण संवाददाता फतेहपुर वरासत को लेकर होने वाले विवादों को खत्म करने के लिए एक बड़ी
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: वरासत को लेकर होने वाले विवादों को खत्म करने के लिए एक बड़ी पहल शुरू हुई है, जिसके तहत अब जिले में दो माह तक लोगों को वरासत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। खासकर वह लोग जिनकी जमीन तो गांवों में है लेकिन वह दूसरी जगह जाकर रहे है। उनके लिए तहसील स्तर पर एक काउंटर खोला जाएगा। जहां पर वह वरासत दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा वरासत अभियान के तहत लेखपाल गांव-गांव जाकर कैंप लगाकर मृतकों के उत्तराधिकारियों का सत्यापन करेंगे। साथ ही उनसे दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी करवाएंगे।
मंगलवार को सदर तहसील में एसडीएम प्रमोद झा ने सभी सर्किल के कानूनगो व लेखपालों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि वरासत दर्ज कराने के लिए तहसील के चक्कर न काटने पड़े इसके लिए यह दो माह का अभियान है। कर्मचारी इसे निष्ठा के साथ पूरा करें। ताकि भूमि से जुड़े विवादों में कमी आए, साथ ही भूमाफियाओं पर लगाम कसी जा सके। उन्होंने कहा कि लेखपाल गांव जाकर वरासतों के सत्यापन कार्य के साथ ऑनलाइन आवेदन कराने का काम करेंगे। वहीं, दूसरी तरफ लोग खुद भी अपनी वरासत दर्ज कराने के लिए तहसील स्तर पर बनाए जा रहे काउंटर पर आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा लोगों को वरासत दर्ज कराने के लिए जन सुविधा केन्द्रों से आवेदन करने की साहूलियत भी रहेगी। वरासत दर्ज कराने के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए तहसील के शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायत की जा सकती है। वरासत से जुड़ी सभी सूचनाओं को राजस्व परिषद की वेबसाइट पर निर्धारित समय के अंदर ही फीड करना होगा। इन सूचनाओं के आधार पर कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
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एडीएम करेंगे काम की जांच
-वरासत को लेकर शुरू हो रहे दो महीने के अभियान के अंत में एडीएम जनपद व तहसील स्तर पर दस प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रेंडमली चिन्हित करते हुए अधिकारी नामित कर जांच कराएंगे। आवेदनकर्ताओं व लेखपालों के द्वारा दी गई रिपार्ट के तथ्यों की जांच की जाएगी। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई होगी।
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यहां करें आवेदन
वरासत दर्ज कराने के लिए सरकार की ओर से जारी की गई वेबसाइट पर आवेदन करना होगा है। इसमें मृत्यु प्रमाणपत्र, वारिस का आधार कार्ड और खतौनी की नकल लगती है। आवेदन करने के बाद सात दिन का समय लेखपाल को रिपोर्ट लगाने के लिए मिलता है। सात दिन कानूनगो के यहां लगते हैं। यह पूरी प्रक्रिया 15 दिन में पूरी करना होगी। उत्कृष्ट कार्य पर मिलेगा सम्मान
-वरासत अभियान से जुड़े कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित भी किया जाएगा। इसके अलावा किसी ग्राम में संबंधित लेखपाल व राजस्व निरीक्षक के द्वारा अविवादित जमीन बिना किसी उचित कारणों के दर्ज नहीं की जाती है, तो उस कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।