संवाद सहयोगी, खागा: श्रीराम लीला समिति सिलमी के तत्वावधान हो रही रामलीला में बीती रात्रि धनुष यज्ञ, सीता-राम विवाह तथा लक्ष्मण-परशुराम संवाद की लीला का मंचन किया गया। जैसे ही सिया ने भगवान राम के वरमाला पहनाई, पूरा पंडाल जय सियाराम के जयकारों से गूंज उठा। प्रदेश के विभिन्न जगहों से आए कलाकारों द्वारा किया जा रहा लीला मंचन देखने के लिए पंडाल में सैकड़ों की संख्या दर्शक मौजूद रहे। राम की भूमिका में शैलेन्द्र ,लक्ष्मण की भूमिका में लखन त्रिपाठी ,परशुराम की भूमिका में राम जी शुक्ला, रावण की भूमिका में राम जी गुप्त ,बाणासुर की भूमिका में रिकू सिंह आदि कलाकारों का अभिनय देखने के बाद दर्शकों ने इनकी सराहना की। सुबह आठ बजे तक लक्ष्मण-परशुराम संवाद का दर्शकों ने आनंद लिया। सीता-राम विवाह के दौरान जय श्रीराम के जयकारों से पंडाल गूंज उठा। नानबच्चा, मंजुल सिंह, बुधेश सिंह, करन यादव, उपेन्द्र सिंह, राजन, पुत्तन सिंह, शिवेश, रिकू मुकेश, बमभोले, मुन्ना सिंह, योगेंद्र, मोनू गुप्त, मनोज गुप्त आदि रहे। बुजुर्ग शायर सरवर फतेहपुरी की मौत से शोक की लहर
संवाद सूत्र, हथगाम: क्षेत्र के इदरीशपुर (नाथूपुर) गांव के रहने वाले बुजुर्ग शायर सरवर फतेहपुरी (नाथूपुरी) के निधन से शोक की लहर छा गई। उनके निधन से शायरी और आवाज की जादूगरी का खात्मा हो गया। 95 साल की उम्र में भी वह बेहतरीन आवाज में कलाम पढ़ते थे। 15 दिनों की बीमारी ने उन्हें दुनिया से उठा लिया। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में काव्य पाठ एवं शायरी से फतेहपुर का नाम रोशन किया।
कुछ दिनों तक सुर्खाब उपनाम से उन्होने हास्य, व्यंग की शायरी की। बाद में वह पूरे क्षेत्र में सरवर नाथूपुरी के नाम से मशहूर हुए। मुंबई में रहते हुए उन्होंने साहिर लुधियानवी, कैफ भोपाली, हसरत जयपुरी, मजरूह सुल्तानपुरी जैसे फिल्मी गीतकार एवं अंतरराष्ट्रीय शायरों के साथ कलाम पेश किए। हास्य कलाकार जगदीप की बहन वफा को भी इन्होंने शायरी सिखाया। बीमार रहने के कारण वे अपने गांव इदरीशपुर (नाथूपुर) चले आए। उनके निधन से कवि और शायर शिवशरण बंधु, डा. वारिस अंसारी, समीर शुक्ल, शिवम हथगामी, जीशान इलाहाबादी, शिव सिंह सागर, वसीक सनम, अशफाक अहमद पप्पू, अनुज साहू शम्स आदि लोगों ने दुख व्यक्त किया है।
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