नोनारा-टकौली में छठवीं मौत, डॉक्टर बीमारी से अनजान
जागरण टीम फतेहपुर बिदकी तहसील के चिल्ली नोनारा और मंगलपुर टकौली गांव में बीते 27 ि
जागरण टीम, फतेहपुर : बिदकी तहसील के चिल्ली, नोनारा और मंगलपुर टकौली गांव में बीते 27 दिन से बुखार व पेट दर्द के मरीज निकल रहे हैं। इस समय भी 150 से ज्यादा लोग बुखार से पीड़ित हैं। करीब 54 लोग उपचार कराने के लिए कानपुर के निजी अस्पतालों में गए हैं। 96 लोग गांव में ही सरकारी उपचार के भरोसे हैं। अंधेर यह है, रोज स्वास्थ कैंप लगाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग यह नहीं बता पा रहा कि आखिर बीमारी कौन सी है। अभी तक डेंगू, पीने के पानी, उपयोग की जा रही खाद्य सामाग्री तक की जांच नहीं कराई गई।
पांच जुलाई से लगातार तीनों गांव बीमारी की गिरफ्त में हैं। यहां हर दिन दो-चार नए बुखार पीड़ित निकल रहे हैं। हालात यह हैं कि बीमारी के भय से गांव के दस परिवार घर में तालाबंदी कर अपनी रिश्तेदारियों में चले गए हैं। 11 जुलाई से ब्लाक, तहसील व जिले की स्वास्थ्य टीमें हर चार दिन से छह दिन के अंतराल में कैंप कर रही हैं, लेकिन किसी के पास जवाब नहीं कि बीमारी क्या है। हर घर में बीमारी की दहशत फैल गई है।
नोनारा के बुजुर्ग रामनाथ कहते हैं कि 62 साल से वह यही देख रहे हैं कि हर दो चार साल के बीच में गांव बीमारी से घिर जाता है। मंगलपुर टकौली गांव के रहने वाले प्रदीप कुरील का 16 वर्षीय पुत्र प्रांशू प्रयागराज में कक्षा दस की पढ़ाई कर रहा था। कोरोना संक्रमण के दौरान गांव आया था और पिछले दस दिनों से बुखार से पीड़ित था। स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे कानपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर शनिवार को उसकी मौत हो गई। प्रदीप बताते हैं, निजी नर्सिंग होम में डाक्टर ने उसे डेंगू की बात कहकर इलाज शुरू किया था। उपरोक्त तीन गांवों के 54 लोग गंभीर बीमार हैं। इनका उपचार कानपुर व जहानाबाद के निजी नर्सिग होम में चल रहा है।