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दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

अदालत ने गुरुवार को दुष्कर्म के मामले की

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 04:02 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 04:02 AM (IST)
दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास
दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

दुष्कर्मी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

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जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोर्ट ने गुरुवार को दुष्कर्म के मामले की सुनवाई की और दोषी युवक अखिलेश सिंह को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यह घटना गाजीपुर थाने के एक गांव की 29 सिंतबंर 2017 की है। पीडि़ता ने घटना की सूचना जरिये फोन मुंबई गए पति को दी। जब पति आया और गाजीपुर थाने में पत्नी के साथ दुष्कर्म समेत कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के अपर जिला जज नित्या पांडेय की अदालत ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता रहस बिहारी श्रीवास्तव ने दोषी के खिलाफ सबूत पेश करते हुए दलीलें रखीं।

पति को पांच वर्ष की कैद

अपर जिला जज जुनैद मुजफ्फर की अदालत ने महिला ममता के पति संतोष ने शराब और जुआ खेलने से मना करने पर मिट्टी का तेल डालकर जलाने व धारदार हथियार से हमले के मामले की सुनवाई की और दोष साबित होने पर पति को पांच वर्ष की कैद व दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुना दी। घटना गाजीपुर थाने के मोहनपुर गांव की की 22 अप्रैल 2012 की है। मामले पर एफआइआर सात जून 2012 को पति के खिलाफ महिला के भाई जगरूप सिंह ने दर्ज कराई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता रघुराज प्रताप सिंह ने मामले पर सबूत पेश करते हुए दलीलें रखीं।

छेड़खानी के दोषी को तीन वर्ष की कैद

पास्को कोर्ट प्रथम के अपर जज रविकांत, द्वितीय की अदालत ने मामले की गुरुवार को अंतिम सुनवाई की और किशोरी के साथ छेड़छाड़ के दोषी चंद्रभान को तीन वर्ष की कैद व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुना दी। यह घटना थरियांव थाने के एक गांव की 17 सितंबर 2016 की है। उक्त तिथि को किशोरी शाम को सात बजे जंगल गई थी। यहां दोषी ने दुष्कर्म का प्रयास किया। शोर मचाने पर लोग आ गए और आरोपित भाग गया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र सिंह भदौरिया ने दोषी के खिलाफ सबूत पेश करते हुए दलीलें रखीं।

मारपीट के दोषियों को दो वर्ष की कैद

रोडवेज बस ड्राइवर के साथ मारपीट करने वाले ललौली निवासी सईद व रमजानी को दोषी करार देते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र सिंह पासवान ने दो वर्ष की कैद व एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुना दी। यह घटना 10 जुलाई 1995 की है। दोषियों ने रोडवेज बस ड्राइवर पर पचास रुपये न देने का आरोप लगाते हुए मारपीट की थी।


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